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सरकार बनेगी आदिवासियों के शिक्षा लोन की गारंटर

रांची: सरकार आदिवासियों के शिक्षा और बिजनेस लोन की गारंटर बनेगी. अब उच्च शिक्षा के लिए आदिवासी छात्र 15 लाख रुपये तक लोन ले सकेंगे. लोन चुकाने के लिए उन्हें अब 15 साल का समय भी मिलेगा. इसी प्रकार आदिवासी बिजनेस के लिए 30 साल तक ले बैंकों से लोन ले पायेंगे. अगर छात्र डिफॉल्टर […]

रांची: सरकार आदिवासियों के शिक्षा और बिजनेस लोन की गारंटर बनेगी. अब उच्च शिक्षा के लिए आदिवासी छात्र 15 लाख रुपये तक लोन ले सकेंगे. लोन चुकाने के लिए उन्हें अब 15 साल का समय भी मिलेगा. इसी प्रकार आदिवासी बिजनेस के लिए 30 साल तक ले बैंकों से लोन ले पायेंगे. अगर छात्र डिफॉल्टर होंगे, तो उनकी जमीन आदिवासियों के बीच ही हस्तांतरित होगी.

इसके बावजूद अगर कोई आदिवासी उस जमीन को नहीं ले पाता है, तो संबंधित जमीन का सरकार लैंड बैंक तैयार करेगी. इस जमीन का उपयोग आदिवासियों के उत्थान कार्य होगा.

यह निर्णय सोमवार को झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद की बैठक में लिया गया. बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास, ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, कल्याण मंत्री लुईस मरांडी, विधायक गंगोत्री कुजूर, लक्ष्मण टुडू, मेनका सरदार, शिवशंकर उरांव, हेमलाल मुर्मू, जेबी तुबिद, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, विकास आयुक्त अमित खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील बर्णवाल, कार्मिक सचिव निधि खरे, भूमि सुधार सचिव केके सोन, स्वास्थ्य सचिव सुधीर त्रिपाठी मौजूद थे. बैठक में मंत्री नीलकंठ मुंडा की अध्यक्षता में एक उपसमिति भी बनायी गयी.
पहले पांच साल के लिए मिलता था साढ़े सात लाख का शिक्षा लोन : ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने बैठक के बाद बताया कि पहले आदिवासियों को पांच साल के लिए साढ़े सात लाख रुपये का लोन मिलता था. लोन वापस करने के लिए अवधि कम होने की वजह से किस्त ज्यादा होती थी.
इसी को ध्यान में रख कर टीएसी ने लोन वापस करने की अवधि का विस्तार कर 15 वर्ष कर दिया है. साथ ही उच्च शिक्षा के लिए राशि को साढ़े सात लाख से बढ़ा कर 15 लाख रुपये कर दी गयी है. वहीं, बिजनेस के लिए लोन वापसी के लिए 30 साल की अवधि निर्धारित की गयी है. आदिवासी बिजनेस को लेकर जरूरत के अनुसार बैंकों से लोन ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि बैठक में टीएसी की पिछली बैठक के विषयों की संपुष्टि की गयी.
बैठक में अनुपस्थित टीएसी के सदस्य : विधायक विमला प्रधान, हरिकृष्ण सिंह, ताला मरांडी, राम कुमार पाहन, विकास सिंह मुंडा, एनोस एक्का, गीता कोड़ा, सुखदेव भगत, चमरा लिंडा व रतन तिर्की. रतन तिर्की की ओर से बैठक की सूचना नहीं दिये जाने के संबंध में पूछे गये सवाल पर मंत्री लुईस मरांडी ने कहा कि उन्हें बैठक की सूचना दी गयी थी. इसके प्रमाण भी मौजूद हैं.
संताल में होगी टीएसी की अगली बैठक
राज्य जनजातीय परामर्शदातृ परिषद की अगली बैठक संताल परगना में होगी. इस पर सहमति बन गयी है. बैठक के दौरान टीएसी की बैठक को विभिन्न प्रमंडलों में भी करने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे मंजूरी प्रदान कर दी गयी. टीएसी की बैठक में जाहेर स्थान घेराबंदी के लिए राशि सरना समिति को उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर भी विचार-विमर्श किया गया.

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