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सदान छात्र संसद में कई प्रस्ताव पारित
रांची : सदान मोरचा के तत्वावधान में रविवार को कचहरी स्थित राज रेसीडेंसी में सदान छात्र संसद का आयोजन किया गया. इसमें कई प्रस्ताव पारित हुए. कहा गया है कि अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में रांची में सदान हुंकार रैली का आयोजन होगा. इसके अलावा छात्रों को कहा गया है कि वे गांव-गांव जाकर […]
रांची : सदान मोरचा के तत्वावधान में रविवार को कचहरी स्थित राज रेसीडेंसी में सदान छात्र संसद का आयोजन किया गया. इसमें कई प्रस्ताव पारित हुए. कहा गया है कि अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में रांची में सदान हुंकार रैली का आयोजन होगा. इसके अलावा छात्रों को कहा गया है कि वे गांव-गांव जाकर सदानों के बीच वोट के महत्व को समझायें. सदानों के उपेक्षा करनेवाले राजनीतिक दलों को वोट नहीं देने के बारे में भी समझाया जायेगा. इस दौरान सदान छात्र मोरचा झारखंड प्रदेश का गठन हुआ, जिसमें मनोज यादव को अध्यक्ष, अोम श्रीकृष्णम को उपाध्यक्ष, निलय प्रकाश वर्मा व तालकेश्वर महतो महासचिव तथा दिनकर कुमार सिंह को सचिव बनाया गया.
सदान मोरचा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि मूलवासी की बात करनेवालों ने ही मूलवासी (सदानों) के अधिकारों को छीना है. झारखंड अलग राज्य बनाने में सदानों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, पर राज्य बनने के बाद सदानों के अधिकारों की उपेक्षा की गयी.
आदिवासी अौर सदान दोनों ही नेताअों ने सदानों की उपेक्षा की है. रघुवर दास की सरकार बनने के बाद हमें यह उम्मीद जागी थी कि सदानों की उपेक्षा बंद होगी, लेकिन अभी तक ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है. राज्य में नियुक्ति से संबंधित जितने भी आयोग हैं, उसके अध्यक्ष सचिव अौर सदस्य बाहरी है. इन्हें हटा कर इन पदों पर झारखंडियों की नियुक्ति करनी चाहिए. शिक्षाविद डॉ अनिल मिश्रा ने कहा कि युवाअों में शक्ति है.
अगर युवा शक्ति एकजुट हो जाये, तो क्रांति हो सकती है. रामगढ़ से आये अमित साहू ने कहा कि झारखंड में सदानों का कोई महत्व नहीं है. अब हमारे अस्तित्व का सवाल है. हमें मिलकर संघर्ष करना होगा. कार्यक्रम में संजय शाहदेव, डॉ त्रिवेणीनाथ साहू सहित अन्य ने भी संबोधित किया.
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