अभी तक आइटीआइ ने न तो पैसा दिया है और न ही स्वीकृति मिली है. फिर भी रांची भवन प्रमंडल दो को योजना के क्रियान्वयन की इतनी हड़बड़ी थी कि टेंडर कर दिया. टेंडर इस आस में किया गया है कि स्वीकृति मिलने व पैसा आने के बाद काम शुरू करा दिया जायेगा. यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है.कहा जा रहा है कि अगर डिपोजिट हेड की योजना के लिए प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिली तथा राशि नहीं आयी, तो ऐसे में टेंडर को रद्द करना होगा. किसी भी डिपोजिट फंड की योजना के टेंडर के लिए यह आवश्यक है कि उसके लिए सबसे पहले प्रशासनिक स्वीकृति हो. ठेकेदार को काम तभी दिये जायें, जब राशि की व्यवस्था हो. प्रशासनिक स्वीकृति के पहले टेंडर करना भी नियम विरुद्ध है.
Advertisement
भवन विभाग : कर दिया बिना स्वीकृति के ही टेंडर
रांची: आइटीआइ हेहल के सीइअो बिल्डिंग के रिनोवेशन का टेंडर बिना स्वीकृति के ही हो गया है. यानी इस योजना के लिए अभी तक प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिली है. इसके लिए टेंडर भी डाल दिये गये हैं. अब इसे आवंटित करने की तैयारी चल रही है. यह योजना श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग की है. […]
रांची: आइटीआइ हेहल के सीइअो बिल्डिंग के रिनोवेशन का टेंडर बिना स्वीकृति के ही हो गया है. यानी इस योजना के लिए अभी तक प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिली है. इसके लिए टेंडर भी डाल दिये गये हैं. अब इसे आवंटित करने की तैयारी चल रही है. यह योजना श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग की है. यानी आइटीआइ को इसके लिए पैसा देना है.
अभी तक आइटीआइ ने न तो पैसा दिया है और न ही स्वीकृति मिली है. फिर भी रांची भवन प्रमंडल दो को योजना के क्रियान्वयन की इतनी हड़बड़ी थी कि टेंडर कर दिया. टेंडर इस आस में किया गया है कि स्वीकृति मिलने व पैसा आने के बाद काम शुरू करा दिया जायेगा. यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है.कहा जा रहा है कि अगर डिपोजिट हेड की योजना के लिए प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिली तथा राशि नहीं आयी, तो ऐसे में टेंडर को रद्द करना होगा. किसी भी डिपोजिट फंड की योजना के टेंडर के लिए यह आवश्यक है कि उसके लिए सबसे पहले प्रशासनिक स्वीकृति हो. ठेकेदार को काम तभी दिये जायें, जब राशि की व्यवस्था हो. प्रशासनिक स्वीकृति के पहले टेंडर करना भी नियम विरुद्ध है.
क्या है योजना
योजना के तहत करीब 35 लाख रुपये की लागत से सीइअो एडवांस बिल्डिंग का रिनोवेशन करना है. इसके तहत पहले व दूसरे तल्ले में टाइल्स लगाना है. कहीं-कहीं फॉल्स सीलिंग का काम करके सुंदरीकरण करना है. इसके अलावा भी सजावट के कई काम करने हैं. भवन प्रमंडल दो ने अलग-अलग पैकेज में इसका टेंडर अक्तूबर में ही निकाला था. काम की लागत बढ़ भी सकती है.
स्वीकृति व राशि मिलने के बाद ही काम देंगे : इइ
इस मामले में भवन प्रमंडल दो के कार्यपालक अभियंता ने कहा कि योजना की स्वीकृति व राशि मिलने के बाद ही ठेकेदार को काम आवंटित किया जायेगा. टेंडर कर दिया गया है. इसे फाइनल नहीं किया जायेगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement