24 नवंबर को विकास आयुक्त ने उद्योग सचिव को पत्र लिख कर कहा था कि ऐसी सूचना मिली है कि प्रभारी एमडी ने स्थानांतरण आदेश के बाद इन लोगों की नियुक्ति की थी. उन्होंने तत्काल नियुक्ति को रद्द करने एवं पूरे मामले की जांच कराने का आदेश दिया है. इधर, नौकरी से हटाये गये कर्मियों ने सोमवार को उद्योग निदेशक के रविकुमार से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा. इसमें लिखा गया है कि उनकी नियुक्ति विज्ञापन के आधार पर की गयी है.
जबकि निदेशक ने कहा कि बिना बोर्ड की मंजूरी के नियुक्ति की गयी थी. वह इस मामले में कुछ भी नहीं कर सकते. झारखंड के एचआर हेड द्वारा जारी आदेश में आउटसोर्सिंग कंपनी इन्वोसोर्स प्राइवेट लिमिटेड को कहा गया है कि नौ लोगों की सेवा समाप्त कर दी गयी है. जिनमें एजीएम प्रकाश रंजन, संदीप कुमार पाठक, एपीएम रश्मि लता, सिविल इंजीनियर श्रीनिवास शाहदेव, परियोजना प्रबंधक चक्रपाणी, अघनु उरांव, एडलिन भुटकुंवर, एचआर असिस्टेंट कुमार प्रतीक व डाटा इंट्री अॉपरेटर नीकेश कुमार शामिल हैं. प्रभावित कर्मचारियों में से एक प्रकाश रंजन का कहना है कि उन्होंने झारक्राफ्ट द्वारा बहाली के लिए निकाले गये विज्ञापन के आधार पर आवेदन दिया था. 31 अक्तूबर को ज्वाइनिंग लेटर मिला और एक नवंबर को ज्वाइन किया. अब उन्हें किस आधार पर हटाया गया है, यह समझ नहीं आ रहा है.