रांची: सौंदर्यीकरण का काम करानेवाली एजेंसियां इस कोशिश में हैं कि जल्द से जल्द तालाबों को सूखा दिया जाये, जिसके बाद सौंदर्यीकरण का काम शुरू होगा. मधुकम तालाब को तो पूरी तरह सुखा दिया गया है. अब यहां सौंदर्यीकरण का काम शुरू होने वाला है. वहीं, रिम्स तालाब के साथ ही दिव्ययान तालाब व तेतरटोली तालाब के पानी काे सूखाने का काम चल रहा है. हर रोज मोटर से मोटे धार में पानी बहाया जा रहा है. इन तालाबों के आसपास रहनेवाले लोग इस काम में टेंडर अाैर पैसे का खेल मान रहे हैं.
उनका कहना है कि रांची जैसे शहर में पानी का अभाव रहता है. ऐसे में लबालब तालाब को सूखाना किसी भी हालत में ठीक नहीं है. इससे बरबादी ज्यादा होगी. अभी तालाब सूख जाने से लोगों को परेशानी होगी. लोगों को नहाने-धोने में दिक्कत होगी. यही काम अगर गरमी में किया जाये, तो बेहतर होगा, क्योंकि उस समय तालाब सूखने की कगार पर होते हैं. ऐसे में ज्यादा पानी भी बरबाद नहीं होगा और सुंदरीकरण का काम आसानी से हो जायेगा.
विभाग ने की गड़बड़ी खमियाजा भुगतेंगे लोग
विभाग ने तालाब सुंदरीकरण योजना का काम ही ठेकेदारों को जून 2016 में आवंटित किया था. इसे 11 माह यानी मई 2017 में इसे पूर्ण करना है. कई ठेकेदारों ने आनन-फानन में काम किया, जबकि कुछ ने काम नहीं किया. इस बीच बरसात आ जाने से मामला फंस गया. बरसात के पानी से तालाब भर गया और सुंदरीकरण का काम लटक गया. अब तालाब का पानी बहाने से इस पर निर्भर लोगों को परेशानी होगी. विशेषज्ञोें का कहना है कि मार्च-अप्रैल तक पानी काफी कम हो जाता है. ऐसे में सुंदरीकरण का काम हो, तो बरसात के पहले तक पूर्ण हो जायेगा और पानी भी ज्यादा बरबाद नहीं होगा.
योजनाअों की लागत
रिम्स टुनकीटोली तालाब 1.12 करोड़
रिम्स तेतरटोली तालाब 1.03 करोड़
मधुकम तालाब 1.52 करोड़
दिव्यायान तालाब 1.57 करोड़
नोट : योजना की लागत राशि रुपये में
होंगे ये काम :
तालाब गहरीकरण
तालाबों के चहारदीवारी का काम
ग्रिल लगाने का काम
सीढ़ी और पाथ-वे बनाने का काम
सौंदर्यीकरण के तहत कई काम किये जाने हैं, जो तालाब को सुखाये बिना नहीं हो सकते. प्रक्रिया लंबी है, इसलिए इसे अभी ही सुखाया जा रहा है. ताकि आनेवाली बरसात तक सौंदर्यीकरण पूरा हो जाये.
सुरेश पासवान, चीफ इंजीनियर,
रांची नगर निगम