रांची: वेल्लोर इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआइटी) यूनिवर्सिटी में मैनेजमेंट की पढ़ाई की मांग अब तेज होने लगी है. यूनिवर्सिटी के कार्यपालक निदेशक एमजे जेवियर इन दिनों झारखंड के दौरे पर हैं. उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग में वीआइटी एक मसत्वपूर्ण संस्थान बन गया है.
यहां इंजीनियरिंग के अलावा मैनेजमेंट, बीकॉम, बीबीए, एमटेक, पीएचडी और अन्य पाठय़क्रम भी संचालित किये जा रहे हैं. तमिलनाडु के वेल्लोर में तीन सौ एकड़ में वीआइटी यूनिवर्सिटी बना है. 50 एकड़ में चेन्नई कैंपस भी बन गया है. मुख्य कैंपस और चेन्नई कैंपस के बिल्डिंग में हेलीपैड भी बनाया गया है. अगले वर्ष से बेंगलुरु में वीआइटी का नया कैंपस शुरू हो जायेगा.
अमेरिकी विश्वविद्यालय की तरह
श्री जेवियर ने कहा कि अमेरिकी विश्वविद्यालय की तर्ज पर वीआइटी को बनाया गया है. संस्थान के संस्थापक पूर्व सांसद श्री विश्वनाथन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से शिक्षा ग्रहण की है. संस्थान में इंजीनियरिंग दाखिला के लिए इस वर्ष 1.50 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं. संस्थान में प्रबंधन (मैनेजमेंट) के 500 सीटें हैं, जिसके लिए एक हजार स्टूडेंट्स ने आवेदन दिया है. संस्थान में अब भी किसी तरह का कैपिटेशन फीस नहीं ली जाती है. संस्थान के मैनेजमेंट और इंजीनियरिंग के पास-आउट को बेहतर प्लेसमेंट मिल रहा है.
बड़ी कम्पनियों में प्लेसमेंट कार्यपालक निदेशक का कहना है कि गुगल, माइक्रोसॉफ्ट, प्राइस वाटर हाउस कूपर सरीखी कंपनियां यहां आ रही हैं. अधिकतर कंपनियों की ओर से वीआइटी के छात्रों को बेहतर पैकेज दिया जा रहा है. वीआइटी में प्लेसमेंट के लिए एक अलग भवन बनाया गया है. वीआइटी प्रबंधन ने सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और अन्य सोशल नेटवर्किग साइट के जरिये संस्थान का प्रचार-प्रसार का काम शुरू किया है. संस्थान द्वारा झारखंड को अधिक प्राथमिकता दी जा रही है.