मुठभेड़ में एक साथ छह नक्सलियों का मारा जाना मोआवादी संगठन के लिए बड़ा नुकसान है. वहीं, पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि. सीआरपीएफ डीजी ने कहा कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक राज्य से नक्सलियों का खात्मा न हो जाये. सीआरपीएफ इस दिशा में लगातार कार्रवाई करती आ रही है.
रांची: सीआरपीएफ के डीजी के दुर्गा प्रसाद ने कहा कि लातेहार में छह नक्सलियों के मारे जाने से माओवादी संगठन को बड़ा नुकसान हुआ है. सीआरपीएफ के जवान झारखंड पुलिस के साथ नक्सलियों के ठिकानों पर लगातार अभियान चला रहे हैं. धुर्वा स्थित सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर में पत्रकारों से बात करते हुए डीजी ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में हम लगातार मजबूत हो रहे हैं. पिछले छह माह में सीआरपीएफ व पुलिस के जवान चार बार माओवादियों के कैंप तक पहुंचे, जिसके बाद मुठभेड़ हुई. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आज हमने मुठभेड़ स्थल करमडीह जंगल का निरीक्षण किया है. जवान विपरीत परिस्थिति में थे. इसके बाद भी उन्होंने मुकाबला किया और छह नक्सलियों को मार गिराया. नोटबंदी के आदेश के बाद नक्सलियों द्वारा लेवी के रूप में वसूले गये रुपये को ग्रामीणों के खाते में डालने के सवाल पर डीजी सीआरपीएफ ने कहा कि हमने गांवों में पोस्टर चिपका कर ग्रामीणों से अनुरोध किया है कि वह नक्सलियों को इस काम में मदद नहीं करें.
अब तक 12 बार बूढ़ा पहाड़ पर ऑपरेशन : आइजी
बूढ़ा पहाड़ पर बड़े नक्सली नेता लगातार जमे हुए हैं, पुलिस उन तक क्यों नहीं पहुंच पाती, इस सवाल के जवाब में सीआरपीएफ के आइजी संजय आनंद लाटकर ने कहा कि इस साल अब तक 12 बार सीआरपीएफ और पुलिस के जवान बूढ़ा पहाड़ पर पहुंचे और पिछले छह माह में 10 बार. हम लगातार उनके कैंप तक पहुंच रहे हैं.
पुरस्कृत होंगे जवान
सीआरपीएफ डीजी ने पत्रकारों को बताया कि 23 नवंबर को अभियान में शामिल सीआरपीएफ के अधिकारी व जवानों को पुरस्कृत किया जायेगा. इसके लिए आइजी के स्तर से अनुशंसा भेजी जायेगी.
नक्सली कर सकते हैं जवाबी हमला, राज्य भर में अलर्ट
पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता आइजी एमएस भाटिया ने पत्रकारों को बताया कि नक्सली जवाबी हमला कर सकते हैं. लातेहार में हुई मुठभेड़ में छह नक्सलियों के मारे जाने के बाद पुलिस से बदला लेने के लिए वह हमला कर सकते हैं. इसके मद्देनजर पुलिस मुख्यालय ने नक्सल प्रभावित जिलों की पुलिस को अलर्ट कर दिया है. जिलों की पुलिस व नक्सल इलाकों में तैनात अर्धसैनिक बल के जवानों से कहा गया है कि किसी सूचना के सत्यापन के बाद ही नक्सल इलाकों में जायें. नक्सल इलाकों में लापरवाही भरा कदम न उठायें. नक्सली इसका फायदा उठा सकते हैं.
जवानों का हौसला बढ़ाने करमडीह गांव पहुंचे डीजी, बोले अशांति फैलानेवालों से सख्ती से निबटेंगे
सीआरपीएफ डीजी दुर्गा प्रसाद ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में बुधवार को जो सफलता मिली, वह बड़ी उपलब्धि है. यह सफलता लातेहार पुलिस अधीक्षक के कुशल नेतृत्व और जवानों के साहस की परिचायक है. इस तरह का अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक झारखंड से उग्रवाद का खात्मा न हो जाये. राज्य में शांति का वातावरण कायम रहे. इसके लिए पुलिस पूरी सक्रियता के साथ लगी है. जो लोग मुख्यधारा से भटक कर समाज में अशांति फैलाने के लिए विध्वंसक कार्रवाई करना चाहते हैं, उनसे पुलिस सख्ती के साथ निबटेगी.
वैसे लोग जो गुमराह होकर मुख्यधारा से भटक गये हैं, वे यदि वापस आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है. श्री प्रसाद गुरुवार को लातेहार जिला के छिपादोहर थाना क्षेत्र के करमडीह गांव पहुंचे थे. गौरतलब है कि बुधवार की सुबह करमडीह के कोयल नदी के पास पुलिस व माओवादियों में मुठभेड़ हुई थी. इस दौरान छह माओवादी मारे गये थे.
बाइक से करमडीह, फिर पैदल मुठभेड़ स्थल पहुंचे : गुरुवार को सीआरपीएफ डीजी हेलीकॉप्टर से लात गांव पहुंचे. उसके बाद एक बाइक पर सवार होकर वह करमडीह गांव गये. वहां से पैदल जंगल के रास्ते मुठभेड़ स्थल तक पहुंचे. श्री प्रसाद ने कहा कि मौके पर सीआरपीएफ आइजी संजय लाटकर, डीआइजी विपुल कुमार शुक्ला, एसपी अनूप बिरथरे, सीआरपीएफ डीआइजी सुनील तोरपे, कमांडेंट रमेश कुमार पांडेय, एसडीपीओ मंगल सिंह जामुदा सहित कई जवान मौजूद थे.
सबजोनल कमांडर सहित दो नक्सलियों की िशनाख्त
पुलिस के साथ 23 नवंबर की सुबह हुई मुठभेड़ में मारे गये छह माओवादियों में दो की शिनाख्त हो गयी है. पुलिस अधीक्षक अनूप बिरथरे ने बताया कि मारे गये माओवादियों में सब जोनल कमांडर दीपक खरवार उर्फ शैलेश खरवार (सरदमदाग, मनिका) एवं रवींद्र महतो (बेलंगा, चंदवा) है. दीपक खरवार पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था. परिजनों ने उसकी शिनाख्त की है. वह नकुल दस्ते का सदस्य था. पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया.
मृतकों में दो पोलित ब्यूरो सदस्य सुधाकर का बॉडीगार्ड भी : एसपी श्री बिरथरे ने बताया कि मारे गये दो अन्य माओवादियों की शिनाख्त माओवादियों की सेंट्रल कमेटी के पोलित ब्यूरो सदस्य सुधाकर के बॉडीगॉर्ड के रूप में हुई है. हालांकि उनके नाम की पुष्टि नहीं हुई है. माओवादियों के पास से छत्तीसगढ़ सीआरपीएफ से लूटी गयी रायफल बरामद हुई है. इससे कयास लगाया जा रहा है कि उक्त माओवादी छत्तीसगढ़ के हो सकते हैं.
शव लातेहार लाये गये
मुठभेड़ में मारे गये माओवादियों के शवों को लातेहार सदर अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम हाउस में रखा गया है. दीपक खरवार एवं रवींद्र महतो के परिजनों ने उनके शवों की शिनाख्त की. शेष शवों को भी शिनाख्त के लिए यहां रखा गया है.
मुठभेड़ के बाद लापता है जोनल कमांडर, गोली लगने या सरेंडर की चर्चा
रांची. लातेहार के करमडीह जंगल में 23 नवंबर की सुबह पुलिस और नक्सलियों में मुठभेड़ हुई थी. इसके बाद पुलिस को नक्सली संगठन के किसी शीर्ष नक्सली के गायब होने की सूचना मिली है. पुलिस तक पहुंची सूचना के मुताबिक मुठभेड़ के बाद जोनल कमांडर स्तर का नक्सली गायब है. वह जोनल कमांडर गुमला-लोहरदगा इलाके में सक्रिय रहा है और बच्चों को संगठन में जबरन शामिल कराये जाने को लेकर चर्चा में रहा है. सूत्रों ने बताया कि उस कमांडर को पुलिस की गोली लगी है या फिर वह पुलिस से मिल कर सरेंडर कर चुका है. इस बारे में पूछे जाने पर सीआरपीएफ के डीजी व आइजी ने बताया कि सूचनाएं पुलिस को भी मिल रही है, लेकिन इस बारे में अभी पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता.
सर्च अभियान जारी, छह हैंड ग्रेनेड एक एसएलआर व चार वरदी बरामद
लातेहार के करमडीह जंगल में पुलिस व माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद पुलिस लगातार सर्च अभियान चला रही है. मुठभेड़ के दूसरे दिन सर्च अभियान में एक एसएलआर, छह हैंड ग्रेनेड, चार वरदी व करीब 1000 मीटर कोडेक्स तार सहित कई सामग्री पुलिस को हाथ लगे हैं.
पुलिस के अनुसार अभी और भी हथियार व अन्य सामान बरामद हो सकते हैं. माओवादियों के शव भी बरामद हो सकते हैं. पुलिस के जवान अभियान में जुटे हैं. मुठभेड़ के बाद पुलिस के अतिरिक्त बल को लगाया गया है. जवान लगातार आगे की ओर बढ़ रहे हैं. उल्लेखनीय है कि बुधवार की सुबह साढ़ सात बजे के करीब करमडीह जंगल में पुलिस व माओवादियों के बीच मुठभेड़ हो गयी थी. छह माओवादी मारे गये थे. घटना के बाद अभियान डीआइजी, लातेहार एसपी अनूप बिरथरे सहित कई पुलिस के अधिकार घटनास्थल से थोड़ी ही दूर लात में कैंप किये हुए हैं. वहीं चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती कर दी गयी है. पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है. लाभर-करमडीह मार्ग से गुजरने वालों पर नजर रखी जा रही है. अभियान में लातेहार पुलिस के अलावे सीआरपीएफ 112 व कोबरा 209 के जवान जुटे हुये हैं. माओवादियों के मारे जाने के बाद जवानों के हौसला बुलंद है.