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आज भी विस में पक्ष-विपक्ष के बीच हंगामे के हैं आसार

विधानसभा. सीएनटी-एसपीटी एक्ट पर नहीं बन रही सहमति सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन को लेकर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने है. सरकार ने शीतकालीन सत्र में बिल लाने की बात कही है. वहीं, विपक्ष इसके विरोध में रणनीति तैयार कर रहा है. रांची : सीएनटी-एसपीटी एक्ट पर पक्ष-विपक्ष में सहमति की संभावनानहीं दिख रही है. सरकार ने विधानसभा के […]

विधानसभा. सीएनटी-एसपीटी एक्ट पर नहीं बन रही सहमति
सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन को लेकर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने है. सरकार ने शीतकालीन सत्र में बिल लाने की बात कही है. वहीं, विपक्ष इसके विरोध में रणनीति तैयार कर रहा है.
रांची : सीएनटी-एसपीटी एक्ट पर पक्ष-विपक्ष में सहमति की संभावनानहीं दिख रही है. सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बिल लाने की मंशा जाहिर कर दी है. वहीं, विपक्ष सरकार के संशोधन को मानने के लिए तैयार नहीं है. सोमवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन है, जिसमें सीएनटी-एसपीटी एक्ट का मामला गरमा सकता है.
भाजपा द्वारा विमान से सीएनटी-एसपीटी एक्ट के समर्थन में फेंके गये परचाें को लेकर विपक्ष के तेवर तल्ख हैं. सोमवार को विधानसभा सत्र के पहले विपक्षी पार्टियों की बैठक होगी, जिसमें विरोध की रणनीति बनेगी. उधर, कांग्रेस सीएनटी-एसपीटी एक्ट पर चर्चा के पक्ष में है.
कांग्रेस का मानना है कि इसमें पक्ष आना चाहिए. जनता को सारी बातें सदन के माध्यम से जाननी चाहिए. कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत सीएनटी-एसपीटी पर प्राइवेट बिल लायेंगे. वह इस बिल के माध्यम से सरकार को जनता के पक्ष में संशोधन का प्रस्ताव देते हुए, सरकार के संशोधन को खारिज करेंगे. श्री भगत प्राइवेट बिल का दस्तावेज सौंपेंगे. हालांकि, झामुमो और झाविमो अड़ा है कि सरकार पहले बिल वापस लेने की घोषणा करे.
आज झामुमो कर सकता है गांधीगीरी : सीएनटी-एसपीटी एक्ट के खिलाफ झामुमो सोमवार को गांधीगीरी कर सकता है. झामुमो नेता से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री सहित सत्ता पक्ष के विधायकों को गुलाब का फूल भेंट कर बिल वापस लेने की मांग करेंगे. पिछले मॉनसून सत्र में भी झामुमो विधायकों ने गांधीगीरी कर अपना विरोध दर्ज कराया था.
क्या कहते हैं विपक्षी
सरकार को रास्ता नहीं मिलेगा : सुखदेव
कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने कहा कि सदन के अंदर सीएनटी-एसपीटी एक्ट पर चर्चा होनी चाहिए. सरकार का चेहरा इससे बेनकाब होगा. जनता सच्चाई जानेगी. सदन के अंदर बहस हुई, तो सरकार को रास्ता नहीं मिलेगा. सरकार को जनदबाव के आगे झुकना पड़ेगा. संशोधन आदिवासी-मूलवासी के हक में नहीं है.
चर्चा से फायदा नहीं, पहले बिल वापस करे : प्रदीप
झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा है कि सरकार सदन चलाना नहीं चाहती है. फिलहाल चर्चा से कोई फायदा नहीं है. पहले सरकार बिल वापस करे, उसके बाद चर्चा हो. सरकार एक साजिश के तहत बहुमत के जोर पर चर्चा के बाद बिल पास कराने की कोशिश करेगा. सदन में सरकार द्वारा लाये गये बिल की वैधता पर ही सवाल उठ रहे हैं. इसपर चर्चा क्या हो सकती है?
परचा बांटने के लिए पैसे कहां से लाये : कुणाल
झामुमो विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि विपक्ष सदन चलाना चाहता है, लेकिन सरकार जनविरोधी नीतियों पर हठधर्मिता छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. सरकार जोर-जबरदस्ती पर उतर आयी है. ग्लाइडर और विमान से परचा गिराया जा रहा है. सरकार की मशीनरी का दुरुपयोग हो रहा है. परचा भाजपा ने गिरवाया है, तो बताये कि पैसे कहां से आये हैं. जनता को हिसाब देना होगा.

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