लापुंग: सोहराय जतरा डुरू का प्रखंड में महत्वपूर्ण स्थान है. इसका शुभारंभ टुना पहान व पूजार राजेश उरांव के द्वारा जतरा खूंटा की पूजा के बाद किया गया. पारंपरिक संस्कृति की पहचान तेंगरा छाता के साथ झंडा और कलश को माथा पर लेकर नाचते-गाते लोग मेला स्थल पहुंचते हैं. मुख्य अतिथि पूर्व विधायक बंधु तिर्की ने ढोलक बजा कर खेड़हा नाच में शिरकत की.
उन्होंने अपनी संस्कृति की पहचान को बनाये रखने में सोहराय जतरा काे बनाये रखने की जरूरत बतायी. मेले में जलेबी व कतारी की बिक्री खूब रही. मेले में गोतिया गांव दरंदा, तिगरा, दादगो सेमला, लतरातु के पहान झंडा के साथ पहुंचे. साथ ही रांची, खूंटी, गुमला लोहरदगा जिला के अलावे लापुंग प्रखंड के हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी. मेला को सफल बनाने में मेला संचालन समिति अध्यक्ष अनिल खलखो, सचिव दिलीप खाखा, कोषाध्यक्ष रोशन खलखो
शामिल थे.
खिजरी में सोहराय जतरा
नामकुम: खिजरी गांव में बुधवार को सोहराय जतरा का आयोजन किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में आसपास के गांव के लोगों ने भी हिस्सा लिया व जतरा का आनंद उठाया. जतरा के दौरान बच्चों के लिए डांस प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया. मौके पर उपस्थित मुख्य अतिथि सह मुखिया रामावतार केरकेट्टा ने कहा कि सोहराय जतरा हमारी संस्कृति की पहचान है. हमें अपने रीति-रिवाजों व संस्कृति की रक्षा व नयी पीढ़ी को इनसे अवगत कराने की जरूरत है. मौके पर नामकुम थाना के दारोगा राजेंद्र प्रसाद टुडु, उपमुखिया प्रदीप कुजूर, मदन कुमार, संजय कुजूर, नारायण लकड़ा, प्रकाश कच्छप, सोनू कच्छप, बिरसा कच्छप, प्रकाश लिंडा, अमूल कच्छप व अन्य उपस्थित थे.
झारखंड की विरासत है जतरा
पिस्कानगड़ी. नगड़ी के कतरपा जराटोली में 21 पड़हा समिति के तत्वावधान में सोहराय जतरा का आयोजन किया गया. जिसमे नगड़ी, साहेर, नारो सहित आसपास के दर्जनों गांवों के खोड़हाधारी नाच-गान करते हुए जतरा स्थल पहुंचे तथा जतरा खूंटे की विधिवत पूजा की. जतरा समारोह के मुख्य अतिथि झारखंड प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की उपाध्यक्ष सीमा शर्मा ने कहा कि जतरा हमारी सांस्कृतिक विरासत की पहचान है. सोहराय जतरा नये फसल का द्योतक है. विशिष्ट अतिथि समाजसेवी बजरंग महतो ने कहा कि जतरा के माध्यम से संगठित होकर एकता का परिचय देते हैं. सभी खोड़हाधारी को पुरस्कृत किया गया. समारोह को 21 पड़हा समिति के अध्यक्ष विजय धान, पंसस मधुबाला देवी, अमर महतो, शिबू मुंडा, अमित कच्छप, धरम महतो, राजमोहन महतो, पवन महतो, भुगलू मिंज, सोमा मुंडा, रवींद्र गोप, सोमरा कच्छप, प्रदीप गोप, बुधराम मुंडा, निपुन, विश्वनाथ मुंडा, अकली देवी, जतरू मुंडा, भीम महतो, बिगू खलखो व अन्य शामिल हुए.