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दिखायी मानवता, बचायी तीन लड़कियों की जान

रांची : जानलेवा बीमारी ‘विल्सन’ से ग्रसित तीन मरीजों को चिकित्सकों की अनुशंसा पर मंगलवार को जीवन रक्षक दवा ‘पेनीसिलामाइन’ उपलब्ध करायी गयी. जिन मरीजों को यह दवा दी गयी, उनमें चतरा निवासी अब्दुल हफीज की दो बेटियां सबरा खातून और साजरा खातून के अलावा पटना के अशोक राजपथ निवासी सबा शामिल हैं. ‘प्रभात खबर’ […]

रांची : जानलेवा बीमारी ‘विल्सन’ से ग्रसित तीन मरीजों को चिकित्सकों की अनुशंसा पर मंगलवार को जीवन रक्षक दवा ‘पेनीसिलामाइन’ उपलब्ध करायी गयी. जिन मरीजों को यह दवा दी गयी, उनमें चतरा निवासी अब्दुल हफीज की दो बेटियां सबरा खातून और साजरा खातून के अलावा पटना के अशोक राजपथ निवासी सबा शामिल हैं. ‘प्रभात खबर’ कार्यालय में दवा व्यवसायी अश्विनी राजगढ़िया (पुत्र अशोक राजगढ़िया व राजदेवी)और सीएनएफ व्यवसायी जय प्रकाश (पुत्र भगवती प्रसाद सिंघानिया व सरोज) ने मरीजों को यह दवा दी.
‘प्रभात खबर’ ने ही विल्सन से ग्रसित मरीजों को दवा न मिलने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी, जिसके बाद दवा व्यवसायियों ने इन्हें मुफ्त दवा देने का बीड़ा उठाया है. यह दवा भारत में बहुत कम ही उपलब्ध है, इसलिए श्री राजगढ़िया ने उक्त बीमारी की दवा विदेश से भी मंगायी है. मंगलवार को तीनों मरीजों को 200 गोलियां उपलब्ध करायी गयी हैं. शीघ्र ही विदेश से इस दवा की और मात्रा पहुंचते ही उन्हें उपलब्ध करा दिया जायेगा.
मरीजों की मदद के लिए आगे आयें लोग : श्री राजगढ़िया ने कहा कि विल्सन एक गंभीर बीमारी है. इसके इलाज में काफी महंगी दवा का उपयोग किया जाता है. दवा नहीं मिलने के कारण सबरा खातून सहित अन्य रोगियों की तबीयत ज्यादा खराब होने लगी. इसलिए हमारा प्रयास है कि इन्हें दवा मुहैया करायी जाये. वहीं जय प्रकाश ने कहा कि इनकी मदद के लिए लोगों को आगे आना होगा. मौके पर प्रभात खबर के एमडी केके गोयनका, पत्रकार अनुज कुमार सिन्हा, विजय कांत पाठक, बिजनेस हेड विजय बहादुर सहित वरिष्ठ लोग और रोगियों के परिजन उपस्थित थे.
इलाज के अभाव में हो चुकी है हफीज की दो बेटियों की मौत
चतरा के रहने वाले मो अब्दुल हफीज ने बताया कि इस बीमारी ने दो बेटियों के जिंदगी छीन ली है. लोगों के सहयोग से उम्मीद जगी है कि विल्सन बीमारी से ग्रसित अन्य दो बेटियों का इलाज हो पायेगा. 25 वर्षीय सबरा खातून पिछले सात साल से इस बीमारी से ग्रसित है, जबकि सजरा खातून भी इस बीमारी से जूझ रही है. इन्हें पिछले तीन माह से दवा उपलब्ध नहीं पा रहा था, लेकिन ‘प्रभात खबर’ के सहयोग से दवा मिली है.
दवा नहीं मिलने के कारण छूट गयी पटना िनवासी सबा की पढ़ाई
पटना के अशोक राजपथ से आयी सबा की बड़ी बहन एस जबीन ने बताया कि पटना में इसका इलाज नहीं हो पाया तो रांची लेकर आये. 11वीं में पढ़ाई कर रही थी तब इसका वजन काफी कम हो गया, डॉक्टर ने बताया कि उसे यह बीमारी है. पटना में यह दवा नहीं मिल रही है. बीमारी के कारण इसकी पढ़ाई तक छूट गयी. दवा पाकर खुशी हुई कि आज भी लोगों में इंसानियत जिंदा है. जरूरतमंद के लिए कुछ लोग ही आगे आते हैं. हमें भी लोगों की मदद के लिए आगे आना होगा.

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