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ठेका मजदूरों की सुरक्षा के लिए बनेगा एक्शन प्लान

रांची: केंद्रीय कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने कहा कि कोल इंडिया में ठेका मजदूरों की सुरक्षा के लिए एक्शन प्लान बनेगा. इसके लिए कोल इंडिया के सलाहकार को अधिकृत किया गया है. खान सुरक्षा में क्या बेहतर तकनीक हो सकती है, इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इसमें कोल इंडिया में काम कर रहे नये अधिकारियों […]

रांची: केंद्रीय कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने कहा कि कोल इंडिया में ठेका मजदूरों की सुरक्षा के लिए एक्शन प्लान बनेगा. इसके लिए कोल इंडिया के सलाहकार को अधिकृत किया गया है. खान सुरक्षा में क्या बेहतर तकनीक हो सकती है, इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इसमें कोल इंडिया में काम कर रहे नये अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए.

श्री स्वरूप मंगलवार को आइआइसीएम में इंडियन नेशनल कमेटी एंंड साउथ एशिया सेंटर द्वारा माइंस सेफ्टी और इनवायरमेंट पर आयोजित एक दिनी कार्यशाला में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि किसी भी कार्यशाला में अानेवाली योजना पर विचार होना चाहिए, न कि पहले क्या हुआ है उस पर. इससे कार्यशाला की गंभीरता कम होती है.

22 फीसदी ठेका मजदूर दुर्घटना के हो रहे हैं शिकार : माइंस सेफ्टी के महानिदेशक राहुल गुहा ने कहा कि कोयला खदानों में हो रही दुर्घटना की अलग-अलग व्याख्या हो रही है. कहा जा रहा है कि दुर्घटना कम हुई है, लेकिन ऐसा नहीं है. करीब 22 फीसदी दुर्घटना के शिकार ठेका में काम करने वाले युवक हो रहे हैं. इनकी उम्र 18 से 22 साल है. यह चिंता का विषय है. इसको लेकर एक्शन प्लान तैयार होना चाहिए. इसके पीछे कारण यह भी है कि ठेका मजदूरों को प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है. खान दुर्घटना रोकने में तकनीक के बेहतर प्रयोग पर विचार होना चाहिए. कोल इंडिया को इसके लिए काम करना चाहिए.
प्रशिक्षण की व्यवस्था हो : कोल इंडिया के पूर्व चेयरमैन एसके चौधरी ने कहा कि सुरक्षा उपायों से निबटने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए. आज तक नये-नये तकनीक का प्रयोग कोयला खनन के क्षेत्र में होता रहा है. खान में काम करनेवालों को शारीरिक रूप से फिट होना चाहिए.
चुनौती भी देखनी चाहिए : सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा कि कोल इंडिया के समक्ष चुनौती आनेवाली है. कोयले की मांग कम हो गयी है. इ-ऑक्शन में खरीदार नहीं मिल रहे हैं. उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है. इससे उबरने के लिए हमें कोयले की गुणवत्ता बढ़ाने पर विचार करना चाहिए. पारंपरिक ऊर्जा कोल इंडिया के लिए बड़ी चुनौती है. सीएमपीडीआइ के सीएमडी शेखर सरन ने कहा कि खान दुर्घटना में कमी अायी है, लेकिन घटनाएं हो रही हैं. हमें घटना पर भी नजर रखनी चाहिए. यह कभी बड़ी परेशानी का कारण हो सकता है. इस मौके पर कोल इंडिया के सलाहकार एएन सहाय ने भी विचार रखे. धन्यवाद ज्ञापन डीएन प्रसाद ने किया.

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