10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सहानुभूति नहीं सहयोग दें : राज्यपाल

रांची: राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कहा कि दिव्यांगों को सहानुभूति की नहीं, बल्कि सहयोग की जरूरत है. उन्हें सामान्य मान कर उनसे सामान्य व्यवहार करना चाहिए. दिव्यांगों में क्षमता या प्रतिभा की कमी नहीं होती. देश के कई दिव्यांगों ने राष्ट्रीय अौर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी क्षमता दिखायी है. ब्रिटेन के प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग […]

रांची: राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कहा कि दिव्यांगों को सहानुभूति की नहीं, बल्कि सहयोग की जरूरत है. उन्हें सामान्य मान कर उनसे सामान्य व्यवहार करना चाहिए. दिव्यांगों में क्षमता या प्रतिभा की कमी नहीं होती. देश के कई दिव्यांगों ने राष्ट्रीय अौर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी क्षमता दिखायी है.

ब्रिटेन के प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग शारीरिक बाधाअों को पार कर अंतरिक्ष वैज्ञानिक बने अौर महान उपलब्धियां हासिल की. राज्यपाल शनिवार को दिव्यांगों के लिए आयोजित चलंत न्यायालय सह जागरूकता शिविर में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं. शिविर का आयोजन राज्य नि:शक्तता आयुक्त कार्यालय द्वारा किया गया था. विशिष्ट अतिथि मुखमीत सिंह भाटिया प्रधान सचिव महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने दिव्यांगों के लिए सरकारी योजनाअों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि देश के पचास शहरों को दिव्यांगों के लिए अनुकूल बनाने के लिए चयन किया गया है.

इन शहरों में रांची भी है. इसमें शहर के 50 सार्वजनिक स्थल की इमारतों की पहचान की गयी है, जिन्हें दिव्यांगों के लिए अनुकूल बनाया जायेगा. सार्वजनिक परिवहन में भी दिव्यांगों के लिए विशेष व्यवस्था करने तथा इंफॉर्मेशन अौर कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में दिव्यांगों की पहुंच बढ़ाने की दिशा में काम शुरू किया जायेगा. कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने कहा कि दिव्यांगों को सशक्त करना बहुत जरूरी है. वे तैयारियां करें. नौकरी उनकी प्रतीक्षा कर रही है. राज्य नि:शक्तता आयुक्त सतीश चंद्र ने कहा कि नि:शक्तता कभी अभिशाप नहीं होती. इतिहास ऐसे लोगों के कारनामे से भरा हुआ है, जिन्होंने नि:शक्तता को धता बताते हुए बड़े काम किये. जल्द ही दिव्यांंग शिक्षकों की नियुक्तियां होगी. समारोह में महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त सचिव राजेश सिंह अौर उपायुक्त मनोज कुमार ने भी विचार रखे.

चलंत न्यायालय में दर्ज हुईं शिकायतें
चलंत न्यायालय में दूर-दराज से आये दिव्यांगों ने अपनी समस्याएं रखीं. दिव्यांगों ने विकलांगता प्रमाणपत्र नहीं मिलने, विकलांगता पेंशन, जरूरी उपकरण (बैसाखी हाथ रिक्शा) मिलने में आ रही समस्याअों को रखा. कुछ लोगों ने नौकरी व शिक्षा से जुड़े मुद्दे को भी उठाया. इन मामलों को दर्ज किया गया अौर दिव्यांगों को जरूरी जानकारियां दी गयीं. संयुक्त सचिव राजेश सिंह ने बताया कि चलंत न्यायालय सिंगल विंडो सिस्टम की तरह काम करेगा. यह दूर-दराज के दिव्यांगों के पास पहुंच कर उन्हें प्रमाण पत्र जारी करने अौर अन्य जरूरी मदद या जानकारियां मुहैया करायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें