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रांची में नाम और पता बदल कर रहते थे ट्रक लुटेरा गिरोह के कई सदस्य

पुलिस ने ट्रक लुटेरा गिरोह के तीन सदस्य को गिरफ्तार किया है. गिरोह के बारे में संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर ग्रामीण एसपी ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि रांची में नाम और पता बदल कर गिरोह के 12 सदस्य रहते थे. नौ अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है. रांची: पुलिस की टीम […]

पुलिस ने ट्रक लुटेरा गिरोह के तीन सदस्य को गिरफ्तार किया है. गिरोह के बारे में संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर ग्रामीण एसपी ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि रांची में नाम और पता बदल कर गिरोह के 12 सदस्य रहते थे. नौ अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है.
रांची: पुलिस की टीम ने ट्रक डकैती करनेवाले गिरोह में शामिल अपराधी अरविंद रजवार और अरुण कुमार सिंह को शनिवार को जेल भेज दिया. वहीं, घायल अजय कुमार उर्फ गोरेलाल को पुलिस ने रिम्स में इलाज के लिए भरती कराया है. उसकी सुरक्षा में अलग से पुलिस के जवान तैनात कर दिये गये हैं.

गोरेलाल के ठीक होने के बाद पुलिस उसे जेल भेजेगी. गिरफ्तार अरुण सिंह के पास से पुलिस ने एक देसी कट्टा, दो गोली और अन्य अपराधियों के पास से पुलिस ने एक ट्रक बरामद किया है. यह जानकारी शनिवार को अपने कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में ग्रामीण एसपी राजकुमार लकड़ा ने दी. ग्रामीण एसपी के अनुसार अजय, गया के जोरिया मुहल्ला, अरविंद, जौनपुर के झांसी का और अरुण सिंह, पटना के सिपारा मटखाना के रहनेवाले हैं. वर्तमान में अरुण और अजय रातू में किराये के मकान में रहते थे. गिरोह का सरगना हाजीपुर का मामा नामक एक अपराधी है. उसके गिरोह में करीब 20 सदस्य होने की जानकारी पुलिस को मिली है. जिनमें करीब 12 लोग अपना नाम और पता बदल कर रांची में रहते थे. जिनकी तलाश में छापेमारी की गयी, लेकिन वह फरार मिले. पुलिस की छापेमारी जारी है.


ग्रामीण एसपी ने बताया कि अरविंद और अरुण कुमार पढ़ने के नाम पर रांची आये थे. गिरोह के अन्य सदस्य भी रांची में पढ़ने के नाम पर किराये पर घर लेकर अपनी पहचान बदल कर रहते थे. अरुण खिलाड़ी भी है. उसके पिता पटना के एक कॉलेज के कर्मी हैं. गिरोह में शामिल लोग अभी तक झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल के एनएच पर माल लदे ट्रक डकैती की अन्य घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं. गोरेलाल का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है. गिराह के कुछ सदस्य कोडरमा, कुजू सहित अन्य इलाके में रहते थे. गिरोह के सदस्य एक दूसरे से फोन पर संपर्क में रहते थे. किसी माल लदे ट्रक की रेकी करते थे. उसका पीछा का ट्रक के चालक और खलासी को जहर देकर बेहोश कर देते थे. इसके बाद ट्रक डकैती कर माल बेच देते थे.

ग्रामीण एसपी ने बताया कि नामकुम थाना क्षेत्र के ब्यांगडीह में जून माह में एक ट्रक चालक को जहर देकर उसकी हत्या कर दी गयी. घटना के बाद अपराधी ट्रक सहित उसमें लदे गेहूं की डकैती कर ली थी, जिसे लेकर 26 जून को केस दर्ज हुआ. पुलिस को सूचना मिली थी कि घटना में शामिल अपराधी नामकुम में ही इसी तरह की घटना को दोबारा अंजाम देने के लिए आनेवाले हैं. इसी सूचना पर पुलिस की टीम ने तिलैया से अपराधियों का पीछा किया. कुजू के पास अपराधियों को इस बात का एहसास हुआ कि पुलिस उनका पीछा कर रही है. अपराधी कुजू स्थित एक मंदिर में भीड़ का लाभ लेकर छिप गये. एक अपराधी गोरेलाल पुलिस से बचने के लिए तीन तल्ला मंदिर से बगलवाले घर में कूद गया, जिससे वह घायल हो गया. उसे गिरफ्तार कर पहले सीसीएल अस्पातल में भरती कराया गया. दूसरा अपराधी अरविंद ट्रक लेकर फिर से भागने लगा, जिसे धनबाद के निरसा थाना क्षेत्र स्थित बेरियर चौक के पास से ट्रक सहित गिरफ्तार किया गया. एक अन्य अरुण कुमार सिंह भाग कर नामकुम का सिदरौल पहुंचा, जिसे छापेमारी के दौरान हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया गया.
छापेमारी में शामिल पुलिस की टीम : थाना प्रभारी नामकुम राजेंद्र कुमार दुबे, थाना प्रभारी अरगोड़ा रतिभान सिंह, थाना प्रभारी सदर भोला प्रसाद और सिपाही मिथलेश तिवारी और अभिषेक कुमार.

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