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टीएसी सदस्यों के साथ हुआ धोखा : शिवशंकर
उपस्थिति के हस्ताक्षर काे सहमति बता दिया गया बैठक का एजेंडा भी सात दिन पहले नहीं दिया रांची : भाजपा विधायक शिवशंकर उरांव ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव पर अपनी सरकार को ही कटघरे में खड़ा किया है़ रविवार काे उन्होंने कहा : इस मामले में टीएसी सदस्यों के साथ धोखा हुआ है़ […]
उपस्थिति के हस्ताक्षर काे सहमति बता दिया गया
बैठक का एजेंडा भी सात दिन पहले नहीं दिया
रांची : भाजपा विधायक शिवशंकर उरांव ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव पर अपनी सरकार को ही कटघरे में खड़ा किया है़ रविवार काे उन्होंने कहा : इस मामले में टीएसी सदस्यों के साथ धोखा हुआ है़
उपस्थिति के हस्ताक्षर काे सहमति बता दिया गया़ टीएसी के सदस्यों को बैठक का एजेंडा सात दिन पहले नहीं दिया गया था. सीएनटी एक्ट की धारा 21, 49 व 71 और एसपीटी एक्ट की धारा 13 में इंगित है कि यहां का व्यक्ति यहां का मालिक है़ सीएनटी एक्ट की धारा 21 में संशोधन के बाद जमीन गैरकृषि भूमि बन जायेगी़ ऐसा नहीं है कि सिर्फ आदिवासी प्रभावित होंगे, बल्कि हर खेतिहर प्रभावित होगा़ सीएनटी में हम पर्मानेंट लीज होल्डर है़
वहीं संशोधन के बाद सरकार के लीज होल्डर बन जायेंगे़ श्री उरांव आनंद मंगल बैंक्वेट हॉल एदलहातू में स्पीयर (सोसाइटी फॉर प्रोटेक्शन एंड इनफोर्समेंट ऑफ आदिवासी राइट्स) की बैठक में बोल रहे थे़ बैठक में विधायक गंगोत्री कुजूर, पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की, पूर्व विधायक देवकुमार धान, पूर्व विधायक बहादुर उरांव, पूर्व मेयर रमा खलखो, विनोबा भावे विवि के पूर्व वीसी डॉ रवींद्रनाथ भगत समेत कई आदिवासी संगठनों के लोग शामिल हुए़
विधायक शिवशंकर उरांव ने कहा कि हम वेतनभोगी विधायक बनने के लिए नहीं, अच्छा काम करने के लिए आये है़
नौ विधायकों ने इस बाबत राज्यपाल का लिखित जानकारी दी थी़ उन्होंने व विधायक गंगोत्री कुजूर, समीर उरांव व विमला प्रधान ने केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री जुएल ओराम से भी बात की है, जब राष्ट्रपति कार्यालय से इस पर मंतव्य मांगा गया था, तब मंत्री ने अध्यादेश को गलत बताते हुए इसे निरस्त करने की सलाह दी.
विधायक गंगोत्री कुजूर ने कहा कि लोग टीएसी के सदस्यों पर विश्वास करे़ं पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि यदि टीएससी सदस्य सहमत नहीं थे, तब उन्होंने वॉकआउट क्यों नहीं किया?
बाहर आकर मीडिया के माध्यम से लोगों को जानकारी क्यों नहीं दी? आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि बीजेपी आदिवासी विरोधी है़ डॉ रविंद्र भगत व आदिवासी सरना समिति धुर्वा के अध्यक्ष मेघा उरांव ने कहा कि स्थानीयता नीति और सीएनटी-एसपीटी एक्ट में बदलाव दोनों गलत है़ रमा खलखो ने कहा कि इन मामलों में आदिवासियों की चुप्पी समझ से परे है़ आदिवासी छात्र संघ के अध्यक्ष सुशील उरांव ने कहा कि एक मंच पर आकर सड़क पर उतरना होगा़
विश्व आदिवासी दिवस पर विरोध मार्च निकालेंगे
यह निर्णय लिया गया कि विश्व आदिवासी दिवस पर नौ अगस्त को तमाम आदिवासी संगठनों के लोग सुबह नौ बजे सैनिक मार्केट से अलबर्ट एक्का चौक तक सीएनटी- एसपीटी एक्ट संशोधन अध्यादेश और स्थानीयता नीति व नियोजन नीति के खिलाफ विरोध मार्च निकालेंगे़
24 अगस्त को मोरहाबादी में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष से अलबर्ट एक्का चौक तक रैली निकाली जायेगी़ राज्यपाल को ज्ञापन सौपेंगे़ इस महीने के अंत तक तमाम आदिवासी संगठनों के लोग राष्ट्रपति से मिल कर आदिवासियों की रक्षा की गुहार लगायेंगे़
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