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महिला हॉकी टीम की घोषणा: खूंटी की निक्की प्रधान आेलिंपिक टीम में शामिल
रांची: खूंटी की रहनेवाली निक्की प्रधान काे रियाे आेलिंपिक के लिए जानेवाली भारतीय महिला हॉकी टीम में शामिल कर लिया गया है. मंगलवार को नयी दिल्ली में टीम की घोषणा की गयी. निक्की झारखंड की पहली महिला हॉकी खिलाड़ी बन गयी हैं, जाे आेलिंपिक में खेलेंगी. खूंटी की हेसल गांव की रहनेवाली निक्की ने 2005 […]
रांची: खूंटी की रहनेवाली निक्की प्रधान काे रियाे आेलिंपिक के लिए जानेवाली भारतीय महिला हॉकी टीम में शामिल कर लिया गया है. मंगलवार को नयी दिल्ली में टीम की घोषणा की गयी. निक्की झारखंड की पहली महिला हॉकी खिलाड़ी बन गयी हैं, जाे आेलिंपिक में खेलेंगी. खूंटी की हेसल गांव की रहनेवाली निक्की ने 2005 में हॉकी की नर्सरी एसटीसी बरियातू ज्वाइन की. यहां महिला हॉकी कोच फुलकेरिया नाग की देखरेख में हॉकी के गुर सीखे. 2012-13 में निक्की ने रांची रेलवे ज्वाइन किया.
कप्तान रितू रानी बाहर : ओलिंपिक में जानेवाली महिला हॉकी टीम में बड़े बदलाव किये गये हैं. कप्तान रितू रानी काे टीम से बाहर कर दिया गया है. उनके स्थान पर सुशीला चानू नयी कप्तान बनायी गयी है. भारतीय महिला हॉकी टीम काे ग्रुप बी में रखा गया है, जहां उसका मुकाबला अर्जेंटीना, अॉस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, जापान आैर अमेरिका की टीम से हाेगा.
मुख्यमंत्री ने दी बधाई
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने निक्की प्रधान के भारतीय हॉकी टीम में चुने जाने पर बधाई दी है. उन्होंने कहा कि उनका चयन पूरे झारखंडवासियों के लिए गर्व की बात है. उनकी सफलता की कामना करता हूं. हॉकी में भारत को पदक मिले, इसकी शुभकामना देता हूं.
पुरुष हॉकी टीम : सरदार की जगह सृजेश कप्तान बने
पुरुष हॉकी टीम की कप्तानी गाेलकीपर सृजेश काे साैंपी गयी है. 1980 आेलिंपिक में अंतिम बार भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक जीता था. इसके बाद से प्रदर्शन निराशाजनक रहा है. 1928 से 1956 तक लगातार छह आेलिंपिक में आैर उसके बाद 1964 व 1980 में भारत ने हॉकी का स्वर्ण पदक जीता था. 1980 के बाद से भारत ने काेई भी पदक नहीं जीता है. लंदन आेलिंपिक में भारत 12वें स्थान पर रहा. इस बार हॉकी टीम से देश काे काफी आशाएं हैं, लेकिन उसे ग्रुप बी में पहले अर्जेंटीना, कनाड़ा, जर्मनी, आयरलैंड आैर नीदरलैंड जैसी टीम काे हराना पड़ेगा.
36 साल बाद महिला हॉकी की टीम ओलिंपिक में : 36 साल के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम आेलिंपिक में भाग ले पायेगी. अंतिम बार 1980 के मास्काे आेलिंपिक में महिला हॉकी टीम ने भाग लिया था आैर चाैथे स्थान पर रही थी.
राज्य से निकल चुके हैं पांच पुरुष ओलिंपियन : निक्की प्रधान राज्य की पहली महिला हॉकी ओलिंपियन है. इससे पहले यहां से पांच पुरुष ओलिंपियन निकल चुके हैं. 1928 में देश के पहले हॉकी कप्तान बने थे जयपाल सिंह मुंडा (गोल्ड विजेता). इनके बाद 1972 में माइकल किंडो (कांस्य), 1980 में सिल्वानुस डुंगडुंग (गोल्ड), 1980 में मनोहर टोपनो और 1990 में अजीत लकड़ा झारखंड का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
विशेष बातचीत
देश के लिए पदक जीतना सपना है : निक्की प्रधान
भारतीय टीम के साथ आप रियो जायेंगी. कैसा लग रहा है?
यह मेरे और राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है. ओलिंपिक में खेलना और देश के लिए पदक जीतना किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है.
आप भारतीय महिला हॉकी टीम में चयनित होनेवाली झारखंड की पहली हॉकी महिला खिलाड़ी हैं. इस पर क्या कहेंगी?
काफी गर्व महसूस हो रहा है कि मैं राज्य की पहली महिला हॉकी खिलाड़ी हूं, जिसका चयन ओलिंपिक खेलों के लिए देश की टीम में हुआ है. मुझसे पहले राज्य की दो दिग्गज खिलाड़ियों सुमराई टेटे और असुंता लकड़ा ओलिंपिक के क्वालीफाइंग दौर से ही बाहर हो गयी थीं. मेरा चयन सम्मान की बात है.
रियो ओलिंपिक के लिए आपकी तैयारी कैसी है?
पूरी टीम की तैयारी बहुत अच्छी है. पिछले तीन कैंपों में मुख्य कोच नील हॉगवुड ने हमें काफी कुछ सिखाया है. इसका अनुभव रियो में काम आयेगा.
रियो का माहौल अलग होगा. इसके लिए आप कितना तैयार हैं?
पांच अगस्त से ओलिंपक शुरू हो रहा है. हमारी टीम 20 दिन पहले 15 जुलाई को रवाना हो रही है, ताकि हमें वहां के माहौल में ढलने में कोई परेशानी न हो.
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