रांची : रांची-हजारीबाग रोड स्थित डुमरदगा के रिमांड होम से सोमवार को सात बाल अपराधी फरार हो गये थे. मामले की जांच करने मंगलवार को उपायुक्त मनोज कुमार, एसएसपी कुलदीप द्विवेदी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संजीव कुमार लाल, पंचायती राज पदाधिकारी राजेश्वर नाथ आलोक व कार्यपालक अभियंता रिमांड होम पहुंचे.
इस दौरान एसएसपी श्री द्विवेदी ने जांच के बाद कहा कि रिमांड होम के चारों कोना में सीसीटीवी, चारों ओर वॉच टावर, मास्ट लाइट व रिमांड होम के अंदर बाउंड्री के सामने दीवार से सटा कर चार फीट व्यास के कंटीले तार लगाने की बात कही़ उन्होंने कहा कि चास जेल में भी कंटीला तार लगा कर सुरक्षा का इंतजाम किया गया है़ उपायुक्त मनोज कुमार ने एसएसपी की बातों पर सहमति जताते हुए कार्यपालक अभियंता को इसे शीघ्र अमल में लाने का निर्देश दिया़ .
वॉच टवर लगाने का काम तो शुरू भी कर दिया गया है़ पंचायती राज पदाधिकारी राजेश्वर नाथ आलोक ने रिमांड होम की बायीं ओर बाउंड्री से सटे कटहल पेड़ की डाली काटने का आदेश दिया है. वहीं रिमांड होम की इंचार्ज श्रीमती भारती ने दीवार के चारों तरफ करंट लगाने की बात कही़ गौरतलब है कि सोमवार की दोपहर रिमांड होम, डुमरदगा से चादर के सहारे सात बाल अपराधी फरार हो गये थे़.
रोका जा सकता था बाल अपराधियों को : मंगलवार को 11़ 30 बजे डीसी, एसएसपी व अन्य अधिकारी रिमांड होम पहुंचे़ जिस जगह से बाल अपराधी फरार हुए थे, वहां का निरीक्षण किया़ फिर सभी अधिकारी रिमांड होम के पीछे गये़ रिमांड होम के पीछे मैदान है और पूरा मोहल्ला बसा हुआ है़.
अधिकारियों ने कहा कि सातों बाल अपराधियों को भागते हुए मोहल्ले के कुछ लोगों ने जरूर देखा होगा़ मोहल्ले के लोग यदि रिमांड होम में इसकी सूचना देते, तो उन बाल अपराधियों को भागने से रोका जा सकता था़ एसएसपी व डीसी के वहां से चले जाने के बाद जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संजीव कुमार लाल, राजेश्वर नाथ आलाेक, कार्यपालक अभियंता आदि ने रिमांड होम के अंदर जाकर अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया़ रिमांड होम में कुल 86 बाल अपराधी थे, उसमें से सात फरार हो गये़ अब वहां 79 बाल अपराधी बचे है़ं
परिजनों के ठहरने के लिए बने भवन पर वकीलों का कब्जा : रिमांड होम के सामने परिजनों के ठहरने के लिए सरकार की ओर से एक हाॅलनुमा भवन बनाया गया है, लेकिन उस पर वकीलों ने कब्जा कर लिया है़ उस भवन में पांच वकील बैठते है़ं हॉल में वकीलों के बैठने के लिए टेबल-कुर्सी लगे हैं. निरीक्षण के पूर्व भी वहां एक वकील बैठे थे़ उन्होंने बताया कि वे लोग रिमांड होम के बाल अपराधी का केस लड़ते है़ं हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यहां परिजन ठहर सकते हैं, उन्होंने परेशानी नहीं होगी. वहीं रिमांड होम के एक कर्मी ने बताया कि यहां वकीलों के बैठते की कोई आवश्यकता नहीं है़ कई बाल अपराधी को सरकार की ओर से वकील उपलब्ध करा दिया जाता है़ दूर-दराज से अाने वाले बाल अपराधी के परिजन के ठहरने के लिए यह हॉल बनाया गया था, लेकिन हॉल बनने के बाद कभी भी इसमें परिजन नहीं ठहरे है़ं