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घटना राजगंज में, प्राथमिकी तोपचांची में, सूचक हरिहरपुर थानेदार

रांची: धनबाद के राजगंज थाना क्षेत्र में 14 जून को पुलिस द्वारा ट्रक चालक को गोली मारे जाने की घटना की प्राथमिकी, जब्ती सूची और घटनाक्रम के अध्ययन से कई नये तथ्य सामने आ रहे हैं. पता चलता है कि पुलिस से छीना-झपटी, ट्रक कर्मचारियों द्वारा कथित रूप से फायरिंग करने और चालक नाजिर को […]

रांची: धनबाद के राजगंज थाना क्षेत्र में 14 जून को पुलिस द्वारा ट्रक चालक को गोली मारे जाने की घटना की प्राथमिकी, जब्ती सूची और घटनाक्रम के अध्ययन से कई नये तथ्य सामने आ रहे हैं. पता चलता है कि पुलिस से छीना-झपटी, ट्रक कर्मचारियों द्वारा कथित रूप से फायरिंग करने और चालक नाजिर को गोली लगने की घटना धनबाद के राजगंज थाना क्षेत्र में हुई थी. लेकिन इस घटना की प्राथमिकी (98-2016) तोपचांची थाना में दर्ज की गयी.
प्राथमिकी दर्ज करानेवाले पुलिस पदाधिकारी हरिहरपुर थाना प्रभारी संतोष रजक हैं. संतोष रजक के रिवाल्वर से ही चालक नाजिर को गोली लगी थी. इस घटना के वक्त नाजिर केे पास कोई हथियार नहीं था. प्राथमिकी में हथियार की बरामदगी किसी दूसरे के पास से दिखायी गयी है.
प्राथमिकी में इस बात का जिक्र है कि पुलिस ने तोपचांची थाना क्षेत्र के शाने पंजाब होटल के सामने बेरिकेडिंग लगाकर चेकिंग शुरू की थी. चेकिंग के दौरान पुलिस ने पशु लदा सात ट्रक पकड़ा था. लेकिन घटना को लेकर दर्ज प्राथमिकी में इन सात ट्रकों का कोई जिक्र नहीं है. प्राथमिकी में न तो ट्रकों का नंबर है और न ही ट्रकों की जांच के परिणाम का जिक्र है. जब्ती सूची में भी इन ट्रकों का जिक्र नहीं है. प्राथमिकी में एक ट्रक के भागने का जिक्र करते हुए कहा गया है कि एसडीपीओ द्वारा पीछा करने व ओवरटेक कर रुकने का इशारा करने पर ट्रक चालक ने एसडीपीओ के स्कॉरपियो में धक्का मार दिया था. लेकिन इस बात का जिक्र नहीं है कि धक्का मारने की घटना जीटी रोड पर किस जगह पर हुई. प्राथमिकी में पुलिस ने नाइन एमएम पिस्तौल की बरामदगी की बात लिखी है, लेकिन जब्ती सूची में देसी पिस्तौल का जिक्र किया गया है.
चुप रहे सीनियर अफसर, नहीं सुधारा मामला
ट्रक चालक को गोली लगने की घटना राजगंज क्षेत्र में होने के बाद भी घटना की प्राथमिकी तोपचांची थाना में दर्ज किये जाने को पुलिस के सीनियर अफसर बड़ी गलती मानते हैं. पुलिस के सीनियर अधिकारी यह मानने को तैयार नहीं है कि इस तरह की गड़बड़ी की सूचना धनबाद के वरीय पुलिस अफसरों को नहीं होगी. इस तरह की गलती होने पर सीनियर अफसरों को हस्तक्षेप कर इसे सुधारा जाना चाहिए था. लेकिन धनबाद के एसएसपी और ग्रामीण एसपी ने ऐसा कुछ नहीं किया. उल्लेखनीय है कि तोपचांची थाना के प्रभारी उमेश कच्छप (अब मृत) के परिजन यह आरोप लगा रहे हैं कि ट्रक चालक को गोली मारे जाने की घटना में उन पर दवाब डाला जा रहा था. जबकि घटना से उनका कोई लेना-देना नहीं था. पुलिस की प्राथमिकी भी यह कहती है कि घटनास्थल राजगंज थाना क्षेत्र में था. दवाब की वजह से वह परेशान रह रहे थे. पुलिस के सीनियर अफसर कहते हैं कि प्रारंभिक रूप से परिजनों का आरोप सही प्रतीत होता है.
एसडीपीओ, इंस्पेक्टर व दारोगा ने योगदान दिया : सरकार द्वारा बाघमारा के एसडीपीओ नजरुल होदा, तोपचांची अंचल इंस्पेक्टर बीडी मिश्रा और हरिहरपुर थाना प्रभारी संतोष रजक को धनबाद से हटाने का आदेश जारी होने के बाद तीनों पुलिस पदाधिकारी सोमवार को पुलिस मुख्यालय पहुंचे. तीनों पुलिस पदाधिकारियों ने आइजी कार्मिक के कार्यालय में योगदान दिया.

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