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कार्यसमिति की बैठक: 11-12 को जेवीएम की आर्थिक नाकेबंदी, झामुमो का समर्थन

झाविमो ने स्थानीयता के मुद्दे पर दो दिनों की आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा की है़ इसे झामुमो ने भी अपना समर्थन दिया है. 48 घंटे की आर्थिक नाकेबंदी में झाविमो नेता राज्यभर के 112 स्थानों पर तैनात रहेंगे. आर्थिक नाकेबंदी में आम सवारी गाड़ियों को नहीं रोका जायेगा़. रांची : राज्य सरकार द्वारा घोषित स्थानीय […]

झाविमो ने स्थानीयता के मुद्दे पर दो दिनों की आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा की है़ इसे झामुमो ने भी अपना समर्थन दिया है. 48 घंटे की आर्थिक नाकेबंदी में झाविमो नेता राज्यभर के 112 स्थानों पर तैनात रहेंगे. आर्थिक नाकेबंदी में आम सवारी गाड़ियों को नहीं रोका जायेगा़.
रांची : राज्य सरकार द्वारा घोषित स्थानीय नीति के खिलाफ और राज्य में विस्थापन आयोग और आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से ज्यादा करने की मांग को लेकर झाविमो कार्यकर्ता 11-12 जून को सड़क पर उतरेंगे़ इधर, झामुमो ने इस आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा कर दी है. झामुमो का कहना है कि स्थानीय नीति के लिए संघर्ष करनेवाले सभी सामाजिक और राजनीतिक संगठन के साथ झामुमो खड़ा है़ इससे पूर्व झाविमो कार्यसमिति की बैठक में बाबूलाल मरांडी ने पदाधिकारियों को पार्टी के भावी कार्यक्रम और रणनीति की जानकारी दी़ जनसमस्याओं के खिलाफ आंदोलन गांव-गांव में तेज करने का आह्वान किया़ पदाधिकारियों को कार्यक्रम की जिम्मेवारी दी गयी़.

बैठक के बाद पत्रकारों से विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार की वर्तमान स्थानीय नीति झारखंड के हित में नहीं है़ नौजवानों का इस नीति भला नहीं हो सकता है़ .यह पूरे आम-अवाम की लड़ाई है़ पार्टी इसमें सभी राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से सहयोग मांगेगी़ सत्ता पक्ष के ऐसे विधायक जो झारखंडी सोच रखते हैं, उनसे समर्थन मांगा जायेगा़ सभी को पत्र भेजा जायेगा़ श्री यादव ने दावा किया कि इस आंदोलन में 10 लाख से ज्यादा लोग शामिल होंगे़ उन्होंने कहा कि खतियानी रैयत के आधार ही झारखंडी की पहचान होनी चाहिए़ संविधान की धारा 16-3 के आधार पर यहां के सभी वर्ग की नौकरियों को अगले 20 वर्षों के लिए यहां के लोगों के लिए आरक्षित कर दिया जाये़.

उन्होंने कहा कि सरकार सभी जगहों पर आउट सोर्सिंग कर रही है़ इसमें आरक्षण और स्थानीयता का पालन नहीं हो रहा है़ सरकार यह खेल बंद करे़ पार्टी विस्थापन के खिलाफ लगातार संघर्ष करती रही है़ झारखंड में 20 लाख लोग विस्थापित हुए है़ं सरकार विस्थापन और पुनर्वास आयोग बनाये़ श्री यादव ने कहा कि झारखंड में पिछड़े लोगों के साथ नाइंसाफी हो रही है़ आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाया जाना चाहिए़ बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री रहते हुए यह प्रयास किया था, लेकिन तब सुप्रीम कोर्ट में चल रहे एक मामले का हवाला देते हुए हाइकोर्ट ने रोक लगा दी थी़ उसका फैसला वर्ष 2013 में आ गया है़.

सरकार तत्काल आरक्षण की सीमा बढ़ाये़ एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार द्वारा बनाये गये कमल क्लब का झाविमो सड़क से सदन तक विरोध करेगा़ इधर, झाविमो कार्यसमिति की बैठक में विधायक प्रकाश राम, बंधु तिर्की, डॉ सबा अहमद, अरविंद सिंह, रामचंद्र केशरी, अभय सिंह, रमेश राही, सुनील साहू, संतोष कुमार, सरोज सिंह सहित कई जिलाध्यक्ष पहुंचे थे़.

पार्टी, जात-जमात से ऊपर उठ कर विरोध करें : बंधु
पूर्व विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि स्थानीय नीति झारखंडी के जन्म-मरण का सवाल है़ सरकार ने स्थानीय नीति नहीं, डेथ वारंट निकाला है़ पार्टी और लोग जात-जमात के दायरे से ऊपर उठ कर इसका विरोध करे़ं यह नीति लागू हो गयी, तो झारखंडी कहीं के नहीं रहेंगे़ इसे जनांदाेलन बनाने की जरूरत है़ झारखंड के आदिवासी-मूलवासी एकजुट होकर विरोध करे़ं स्थानीयता के नाम पर किसी भी सरकार को मनमानी नहीं करने दी जायेगी़

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