परिवहन आयुक्त ने बताया कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को सहायता करनेवाले व्यक्ति (गुड सेमेरिटन) को परेशानियों से बचाने और कानूनी प्रक्रिया से अलग करने के लिए संचालन प्रक्रिया जारी की गयी है.
इसमें ऐसे लोगों से सम्मानपूर्वक बात करने, घायल या मृतक के बारे में कंट्रोल रूम या थानाें द्वारा सेमेरिटन से नाम, पता, फोन नंबर आदि नहीं पूछा जायेगा. कोई भी पुलिस अधिकारी गुड सेमेरिटन का नाम, पता आदि रिकार्ड फार्म या लॉग रजिस्टर में अंकित करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता. न ही उन्हें गवाह बनने के लिए बाध्य किया जा सकता है. अगर कोई गुड सेमेरिटन गवाह बनना चाहता है, लेकिन थाना नहीं जाना चाहता है, तो जांच अधिकारी बिना वरदी के सिविल ड्रेस में उनसे पूछताछ करने के लिए उनके घर, दफ्तर या अन्य जगहों पर जायेंगे. गुड सेमेरिटन से सिर्फ एक बार ही पूछताछ की जायेगी. जांच-पड़ताल करते समय ऐसे गुड सेमेरिटन का पूरा बयान या शपथ पत्र पुलिस अधिकारी द्वारा एक ही बार पूछताछ के दौरान रिकार्ड किया जायेगा.