कई बार निविदा निकली और रद्द करना पड़ी. वर्ष 2015 में निकाली गयी निविदा में नयी दिल्ली की व्याम टेक्नोलॉजिज लिमिटेड को सफल घोषित किया गया. 23 दिसंबर 2015 को लेटर अॉफ इंटेट(एलओअाइ) दिया गया. एलओअाइ निर्गत करने के 15 दिनों के अंदर ही कंपनी को एग्रीमेंट करना था, पर कंपनी द्वारा 18 मार्च 2016 को तब एग्रीमेंट किया गया, जब सरकार पूरी टेंडर प्रक्रिया को ही रद्द करने जा रही थी. जबकि 15 दिनों के अंदर एग्रीमेंट नहीं करने पर ही जमानत की राशि जब्त करने का प्रावधान था. कंपनी द्वारा जमा की गयी 40 लाख रुपये जमानत की राशि भी विभाग द्वारा जब्त नहीं किया गया और विलंब से एग्रीमेंट करने की सुविधा भी दी गयी. धनबाद में इ-म्युनिसिपैलिटी का काम 18 माह में ही पूरा किया जाना है. पर अब तक कंपनी द्वारा एक फीसदी भी काम नहीं किया गया है.
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ब्लैक लिस्टेड कंपनी को मिला इ-म्युनिसिपैलिटी का काम
रांची : धनबाद नगर निगम के लिए महत्वाकांक्षी योजना इ-म्युनिसिपैलिटी का काम जिस कंपनी को दिया गया है वह कंपनी बिहार और मध्यप्रदेश में ब्लैक लिस्टेड है. जबकि झारखंड सरकार को दिये गये शपथ पत्र में कंपनी ने लिखा है कि वह देश के किसी हिस्से में ब्लैक लिस्टेड नहीं है. विभाग में ब्लैक लिस्टेड […]
रांची : धनबाद नगर निगम के लिए महत्वाकांक्षी योजना इ-म्युनिसिपैलिटी का काम जिस कंपनी को दिया गया है वह कंपनी बिहार और मध्यप्रदेश में ब्लैक लिस्टेड है. जबकि झारखंड सरकार को दिये गये शपथ पत्र में कंपनी ने लिखा है कि वह देश के किसी हिस्से में ब्लैक लिस्टेड नहीं है. विभाग में ब्लैक लिस्टेड होने की सूचना मिलते ही अधिकारी हैरत में पड़ गये हैं.
20 करोड़ की निविदा हासिल की
धनबाद के लिए इ-म्युनिसिपैलिटी की योजना वर्ष 2010 में ही स्वीकृत की गयी थी. 20 करोड़ की लागत से धनबाद नगर निगम का पूरी तरह डिजिटलाइज्ड किया जाना था. जेएनएयूआरएम के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में धनबाद को लिया गया था. इसके बाद सभी 41 लोकल अरबन बॉडीज में डिजिटलाइजेशन का काम किया जाना था. धनबाद समेत सभी नगर निकायों को रांची स्थित नगर विकास विभाग के मुख्यालय से जोड़ना है. फिर मुख्यालय को नयी दिल्ली से जोड़ना है. ताकि सारा डाटा अॉनलाइन ही अपलोड किया जा सके. पर अब तक धनबाद में ही यह काम आरंभ नहीं हो सका है.
जब्त हो सकती है बैंक गारंटी की राशि
विभागीय सूत्रों ने बताया कि निविदा की शर्तों के अनुसार, संबंधित कंपनी को भारत में ब्लैक लिस्ट नहीं होने की अंडरटेकिंग देना था एवं यह प्रावधान भी था कि गलत एवं भ्रामक सूचना देने पर कंपनी द्वारा जमा की गयी बैंक गारंटी की राशि दो करोड़ जब्त किया जायेगा. कंपनी ने विभाग को गलत अंडरटेकिंग देकर निविदा हासिल कर ली, जबकि कंपनी बिहार, मध्यप्रदेश राज्यों में ब्लैक लिस्टेड है. बिहार सरकार के मानव संसाधन विभाग ने 20 जुलाई 2010 को व्याम टेक्नोलॉजी को ब्लैक लिस्टेड करने का आदेश जारी कर चुकी है. वहीं मध्य प्रदेश की एमपी पावर जेनरेटिंग कंपनी लिमिटेड ने भी 98.7.2014 को कंपनी के साथ हुए सभी करार को रद्द कर बैंक गारंटी जब्त करने का आदेश दिया था.
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