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बेकार पड़े हैं छह करोड़ के सामान, तरस रहे खिलाड़ी

रांची : झारखंड में 2011 में हुए नेशनल गेम्स के दौरान मंगाये गये शूटिंग के छह करोड़ से अधिक के सामान बेकार पड़े हैं. इस्तेमाल नहीं होने से इनमें जंग लग रहा है. गोदाम में रखे गये करोड़ों के सामान यूं ही खराब हो रहे हैं, वहीं, दूसरी ओर झारखंड के शूटिंग प्लेयरों के पास […]

रांची : झारखंड में 2011 में हुए नेशनल गेम्स के दौरान मंगाये गये शूटिंग के छह करोड़ से अधिक के सामान बेकार पड़े हैं. इस्तेमाल नहीं होने से इनमें जंग लग रहा है. गोदाम में रखे गये करोड़ों के सामान यूं ही खराब हो रहे हैं, वहीं, दूसरी ओर झारखंड के शूटिंग प्लेयरों के पास अभ्यास के लिए हथियार तक नहीं है. जैसे-तैसे प्लेयर अभ्यास कर रहे हैं. संसाधनों की कमी के कारण झारखंड से शूटिंग के प्लेयर नहीं निकल पा रहे हैं. बड़ी बात यह है कि खेल विभाग के अधिकारियों को भी इन सामान के बारे में ठीक से जानकारी नहीं है. यह भी नहीं पता कि इनमें कौन सा इस्तेमाल के लायक बचा है और कौन बेकार हो चुका है.
खेल खत्म होते ही ताले में रख दिया : नेशनल गेम्स के दौरान इन खेल उपकरणों को मंगाया गया था. खेल खत्म होने के बाद विभाग ने शूटिंग के सामान को शूटिंग स्टेडियम में ही ताले में बंद कर रख दिया. चार साल तक गोदाम में रखने के बाद बीच में विभाग थोड़ा चौकस हुआ. पिछले साल हथियारों की गिनती करायी गयी. इसके बाद मामला सामने आया कि गोदाम में पिस्टल, राइफल, ट्रैप शूटिंग के सामान के साथ लाखों के बुलेट भी हैं.
विभाग ने इनकी गिनती तो कर ली, पर इसके इस्तेमाल को लेकर कभी गंभीर नहीं हुआ.
नेशनल गेम्स के बाद गोदाम में पड़े हैं शूटिंग के उपकरण
कौन सा सामान कितने का
सामान संख्या कीमत (रु में )
एयर राइफल 29 43,50,000
पिस्टल 01 90,000
ट्रैप शूटिंग मशीन 56 5,60,00,000
बुलेट 26500 13,25000
तरसते रहे हैं झारखंड के प्लेयर
शूटिंग के लिए रांची में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर है. इसके सामान महंगे होते हैं. हर खिलाड़ी के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह पिस्टल और राइफल खरीद सके. एक पिस्टल की कीमत 90 हजार है. राइफल की कीमत लाखों में होती है. ऐसे में झारखंड के खिलाड़ी अभ्यास के लिए तरस रहे हैं.
स्टेडियम में शूटिंग के सामान हैं, इसकी जानकारी मुझे नहीं है़ मैं वहां गोदाम में देख कर ही कुछ बता सकता हूं. मुझे और कोई जानकारी नहीं है़ देखने पर ही पता चलेगा कि उनका इस्तेमाल कैसे हो सकता है.
रणेंद्र कुमार
खेल निदेशक, झारखंड

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