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गुस्ताखी: कौन हैं सीपी सिंह, नाम लेने से काम नहीं हो जाता !

रांची: मंत्री सीपी सिंह की पैरवी लेकर पहुंचे एक मरीज के परिजन वहां पदस्थापित कर्मचारी ने कहा, कौन हैं सीपी सिंह, नाम लेने से काम नहीं चल जाता़ सिविल सर्जन अॉफिस पहुंचे मंत्री श्री सिंह ने कहा कि राज्य के मंत्री का परिचय देने के बाद भी एक मरीज के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता […]

रांची: मंत्री सीपी सिंह की पैरवी लेकर पहुंचे एक मरीज के परिजन वहां पदस्थापित कर्मचारी ने कहा, कौन हैं सीपी सिंह, नाम लेने से काम नहीं चल जाता़ सिविल सर्जन अॉफिस पहुंचे मंत्री श्री सिंह ने कहा कि राज्य के मंत्री का परिचय देने के बाद भी एक मरीज के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है, तो सामान्य व्यक्ति को कितनी परेशानी उठानी पड़ती होगी़ उक्त कर्मचारी के व्यवहार से यह पता चलता है कि वह काम कैसे करते होंगे़ मरीज के परिजन को कैसी परेशानी होती होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है़.

मंत्री ने कर्मचारियों के व्यवहार में सुधार लाने को कहा. जब मंत्री सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे, उस समय सीएस अपने कार्यालय में नहीं थे़ वह डीसी की अध्यक्षता में चल रही बैठक में शामिल होने गये थे़ श्री सिंह के अस्पताल पहुंचने की जानकारी कर्मचारियों ने सिविल सर्जन को दी़ जानकारी मिलते ही वह डीसी से अनुमति लेकर अपने कार्यालय आये़ उन्होंने मंत्री से कर्मचारी द्वारा दाेबारा ऐसा व्यवहार नहीं करने का आश्वासन दिया़

जानकारी मिलने पर सीपी सिंह पहुंचे सिविल सर्जन अॉफिस
क्या है मामला : एक मरीज ने गरीबी रेखा निधि से इलाज कराने के लिए सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन दिया था़ कई दिन तक चक्कर लगाने के बाद भी उसका काम नहीं हो रहा था़ इस पर वह नगर विकास मंत्री की पैरवी लेकर अस्पताल पहुंचा़ मरीज के परिजन ने कर्मचारी को जब सीपी सिंह की बात बतायी, तो वह गुस्से में आ गया़ कर्मचारी व परिजन में इसको लेकर बकझक भी हुई.
गरीबी रेखा निधि से इलाज कराने के लिए एक मरीज ने 30 अप्रैल को आवेदन दिया गया था़ बीच में छुट्टी हो गयी थी, इसलिए आवेदन संबंधित जगह पर नहीं पहुंच पाया़
डॉ एके चौधरी, सिविल सर्जन

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