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पहाड़ी पर तिरंगे का हो रहा अपमान, सीएम व प्रशासन पर हो प्राथमिकी : हेमंत
नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसकी लापरवाही से पहाड़ी पर तिरंगा का अपमान हो रहा है. उन्होंने हजारीबाग की घटना के लिए भी सरकार को ही जिम्मेवार ठहराया है. रांची : पूर्व मुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि राजधानी के पहाड़ी मंदिर पर जब से तिरंगा […]
नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसकी लापरवाही से पहाड़ी पर तिरंगा का अपमान हो रहा है. उन्होंने हजारीबाग की घटना के लिए भी सरकार को ही जिम्मेवार ठहराया है.
रांची : पूर्व मुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि राजधानी के पहाड़ी मंदिर पर जब से तिरंगा लगा है, तभी से उसका अपमान हो रहा है. यह रोज फट रहा है. आधा झुक गया है, जो गलत है. इसलिए मुख्यमंत्री रघुवर दास और जिला प्रशासन पर एफआइआर होना चाहिए. तिरंगे के अपमान के लिए उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए. सरकार इस मामले में ढोंग और दिखावा करना छोड़े और जनता से माफी मांगे. यह काम सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए किया गया है.
श्री सोरेन शनिवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि तिरंगा लगाने से उन्हें भी काफी खुशी हुई थी. इस पर करोड़ों रुपये खर्च हुए थे, लेकिन आज उस पैसे की बरबादी नजर आ रही है, क्योंकि तिरंगे की बेइज्जती हो रही है. तिरंगे का मजाक बना दिया गया है.
सरकार को इसका जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश का सबसे बड़ा व ऊंचा तिरंगा फहराने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर आये थे और मुख्यमंत्री भी मौजूद थे. तिरंगा झंडा को लेकर भाजपा ने पूरे देश में तमाशा किया था. तकनीकी तौर पर यह गलत जगह लगाया गया है. कई ऑथोरिटी ने यह बात स्वीकार भी की है.
हजारीबाग घटना के लिए भी राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेवार
सामाजिक समरसता पर चोट हो रहा है
हेमंत ने कहा कि भाजपा सरकार राज्य की सामाजिक समरसता पर चोट पहुंचा रही है. हाल में हजारीबाग, चतरा व जमशेदपुर में सांप्रदायिक हमले हुए, जिससे तनाव बढ़ा. इन हमलों में सरकार के विधायक भी संलिप्त रहे. केंद्रीय स्तर के मंत्रियों ने भी बयानबाजी की.
इससे सामाजिक समरसता पर चोट पहुंची है और गलत संदेश गया है. हजारीबाग में सरकार प्रशासन के माध्यम से तांडव करा रही है. सरकार को सभी को साथ लेकर चलना चाहिए और नेताओं को भड़काऊ बयान देने से बचना चाहिए. इस मामले में सरकार की गंभीरता नहीं दिख रही है. सरकार संवेदनशीलता दिखाये और सख्त निर्देश दे, ताकि भविष्य में ऐसी घटना नहीं घटे और सौहार्द्रपूर्ण वातावरण बना रहे. उन्होंने कहा कि विधि-व्यवस्था के मामले में भी प्रशासनिक कमियां देखने को मिल रही हैं. कई वारदात हो रहे हैं. सरकार विधि-व्यवस्था के मामलों को भी गंभीरता से ले.
प्रतिनिधिमंडल मिला, हजारीबाग घटना पर चर्चा
हजारीबाग सहित अन्य जिलों में हुए सांप्रदायिक दंगा की जांच की मांग को लेकर शनिवार को एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिला. इसमें अंजुमन इसलामिया रांची के सदर इबरार अहमद के नेतृत्व में झारखंड मुसलिम युवा मंच, झारखंड मुसलिम राब्ता कमेटी, ऑल इंडिया तंजीम ए इंसाफ, राष्ट्रीय मानवाधिकार व सामाजिक न्याय आयोग, युनाइटेड एंड सर्पोट रांची के प्रतिनिधि शामिल थे. इबरार अहमद ने कहा कि राज्य के सबसे बड़े विपक्षी दल झामुमो सहित सभी सेकुलर राजनीतिक पार्टियों द्वारा एक साझा मंच बना कर प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए पूरी कोशिश की जाये.
हजारीबाग घटना की जांच की मांग
एदार-ए-शरिया झारखंड के नाजिमे आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी एवं प्रसार सचिव मौलाना अब्दुल मोबिन ने हजारीबाग में हुई हिंसा की निंदा की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूरे राज्य में अमन शांति के लिए भरपूर प्रयास किया है, जिस कारण पूरे राज्य में रामनवमी का त्योहार शांति से गुजर गया. हजारीबाग में सुनियोजित तरीके से दंगा भड़काया गया.
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