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राष्ट्र भावना से कार्य करें : राज्यपाल
थिंक इंडया द्वारा होटरवार स्थित डॉ रामदयाल सिंह मुंडा कला भवन में दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है. अधिवेशन के पहले दिन राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने युवाओं से ‘पहले राष्ट्र’ की भवना से कार्य करने का आह्वान किया. रांची : युवा अपने हुनर से भले ही अच्छा पैकेज प्राप्त करें, लेकिन […]
थिंक इंडया द्वारा होटरवार स्थित डॉ रामदयाल सिंह मुंडा कला भवन में दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है. अधिवेशन के पहले दिन राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने युवाओं से ‘पहले राष्ट्र’ की भवना से कार्य करने का आह्वान किया.
रांची : युवा अपने हुनर से भले ही अच्छा पैकेज प्राप्त करें, लेकिन वे ‘पहले राष्ट्र’ की भावना से कार्य करें. अभिभावक अपने बच्चों के कैरियर के प्रति सजग रहने के साथ-साथ समाज व राष्ट्र का भी ख्याल रखें.
युवा जिस किसी भी क्षेत्र में कार्य करें, वहां सदैव उत्कृष्टता हासिल करने की सोचें. उक्त बातें राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कही. वे शनिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सौजन्य से थिंक इंडिया द्वारा होटवार स्थित डॉ रामदयाल मुंडा कला भवन में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के उदघाटन के मौके पर बोल रही थीं. राज्यपाल ने कहा कि सभी क्षेत्रों में प्रगति हो रही है, लेकिन अनुसंधान के क्षेत्र में हमें और ध्यान देना होगा.
नकल प्रणाली अर्थात कॉपी पेस्ट की पद्धति की भावना को त्यागना होगा. सभी क्षेत्र में कार्य कर रहे लोग आत्मनिर्भर बनें, ऐसा प्रयास करना होगा. राष्ट्र की प्रगति में हमारे साइंटिस्ट, टेक्नोक्रेट, डॉक्टर्स, इंजीनियर, ब्यूरोक्रेट, पुलिस अॉफिसर, शिक्षाविद्, प्रोफेसनल के साथ-साथ किसानों और मजदूरों का अहम योगदान है. किसान हमारे अन्नदाता हैं. मजदूर दिन-रात काम कर किसी भी काम को लक्ष्य तक पहुंचाने में सार्थक भूमिका निभा रहे हैं. पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि हमलोग क्षमतावान हैं.
उन्होंने आदर्शवाद की व्याख्या करते हुए भारत में उपलब्धियों की विशेष क्षमता का वर्णन किया. राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील आंबेकर ने कहा कि भारत माता के प्रति समर्पण ही स्वच्छ राष्ट्रवाद है. देश के उत्थान के लिए इस भावना का प्रगाढ़ होना अत्यंत आवश्यक है. थिंक इंडिया के संयोजक आशीष चौहान ने कहा कि भारत एक विकसित शक्ति है.
इस शक्ति को सही दिशा व दशा देना छात्रों का दायित्व है. थींक इंडिया 2016 के संयोजक गौरव सुंदरम ने थींक इंडिया के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला. मोनिका अरोड़ा ने कहा कि लोगों को पाखंडी कार्यशैली से सचेत रहने की आवश्यकता है. इससे पूर्व रमेश पोद्दार ने आगंतुकों का स्वागत किया. तकनीकी सत्र की अध्यक्षता आइआइटी भुवनेश्वर के प्रो ताराकांत नायक ने किया. वहीं अंतिम सत्र की अध्यक्षता सुनील वर्णवाल ने की.
इस सत्र में मुख्य वक्ता आइआइटी के प्रो हरिश चंद्र वर्मा ने अपने विचार रखे. संचालन सुचिष्मिता महापात्रा व मनु भारती, मंच संयोजन मयंक रंजन तथा धन्यवाद ज्ञापन राम सिंह ने किया. इस अवसर पर आइआइएम, आइआइटी, केंद्रीय विवि सहित विभिन्न संस्थानों के विद्यार्थी सहित कई लोग उपस्थित थे.
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