रांची : संताल-परगना में जमीन की दर पर मुख्य सचिव राजीव गौबा ने अपनी रिपोर्ट शुक्रवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास को सौंप दी है. उनके साथ कमेटी के एक अन्य सदस्य अपर मुख्य सचिव यूपी सिंह भी थे. बताया गया कि रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री के साथ आधे घंटे की बैठक भी हुई.
सूत्रों ने बताया कि इस बार की रिपोर्ट में रैयतों के मुआवजे पर खासतौर पर ध्यान दिया गया है. साथ ही आसपास की बिक्री योग्य भूमि की बाजार दर के समानांतर ही बेचे न जानेवाली कृषि भूमि की दर रखी गयी है. ताकि उद्योग लगाने के लिए भूमि ली जा सके.
मुख्य सचिव के घर पर दिया गया अंतिम रूप
सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट के लिए अपर मुख्य सचिव यूपी सिंह शुक्रवार की सुबह दिल्ली से रांची लौटे. करीब छह घंटे तक वह रांची में रहे. मुख्य सचिव के आवास में रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया गया. इसके बाद दोनों अधिकारी सीएम के यहां जाकर रिपोर्ट सौंप दी. गौरतलब है कि पिछले दिनों संताल-परगना में भूमि की दर को लेकर विधानसभा में हंगामा हुआ था. विपक्ष भू-राजस्व विभाग द्वारा जारी की अधिसूचना को वापस लेने की मांग कर रहा था.
इसके बाद सरकार ने इस अधिसूचना को स्थगित कर दिया. फिर मुख्य सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में एक कमेटी बना दी. जिसमें अपर मुख्य सचिव यूपी सिंह, विकास आयुक्त अमित खरे, भू-राजस्व सचिव केके सोन शामिल थे. पर अगले ही दिन अमित खरे ने कमेटी से नाम वापस ले लिया. इसके बाद तीन सदस्यीय कमेटी ने दुमका, गोड्डा, साहेबगंज में जाकर रैयतों के साथ बैठक की. जमीन की दरों का अध्ययन किया. इसके बाद कमेटी ने अपनी अनुशंसा मुख्यमंत्री को सौंप दी है. बताया गया कि अब नयी दर की अधिसूचना जारी होगी.
अडाणी ग्रुप अब पलामू में तलाश रहा संभावना
अडाणी ग्रुप अब लातेहार और पलामू में पावर प्लांट की संभावना तलाश रहा है. 1600 मेगावाट क्षमतावाले पावर प्लांट के लिए जमीन तलाशने पर विचार कर रहा है. शुरुआत में साहेबगंज या गोड्डा में पावर प्लांट लगाने की बात हुई थी. इसके लिए मुंबई में आयोजित मेक इन इंडिया वीक में अडाणी ग्रुप के साथ झारखंड सरकार ने एमओयू भी किया है. तब गोड्डा में प्लांट लगाने की बात कही गयी थी, लेकिन संताल परगना में कंपनी को भूमि देने को लेकर हो रहे हंगामे के कारण कंपनी साइट बदलने पर विचार कर रही है. सूत्रों ने बताया कि प्रबंधन द्वारा स्थानीय अधिकारियों को पलामू या लातेहार में जगह देखने का निर्देश दिया गया है.