रांची:सरकार ने संताल परगना में जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजा देने के लिए घोषित फैसले (अवार्ड) को रद्द कर दिया है़ मुख्य सचिव राजीव गौबा ने 13 मार्च को ही इसका आदेश जारी कर दिया है़ सरकार ने यह फैसला संताल में मुआवजा दर कम किये जाने पर हो रहे विरोध के बाद उठाया है़ सरकार नयी दर निर्धारित करने के बाद अब नये सिरे से अवार्ड घोषित करेगी़ .
समिति ने तय किया था नया फाॅर्मूला : सूत्रों के अनुसार, संताल परगना में नहीं बिकनेवाली खेती की जमीन का मूल्य निर्धारित करने के लिए नया फॉर्मूला तय किया गया था़ स्थानीय लोगों की ओर से आपत्ति किये जाने के बाद सरकार ने जमीन का मूल्य निर्धारित करने के लिए अमित खरे की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था. गोड्डा के उपायुक्त की ओर से भेजे गये प्रस्ताव में कहा गया था कि बसौढ़ी भूमि को आधार मान कर खेती की जमीन का मूल्य आंकने की वजह से पारिवारिक बंटवारे में जमीन हस्तांतरण के दौरान ज्यादा स्टांप ड्यूटी देना पड़ता है. इसके बाद अमित खरे की समिति ने संताल परगना में नहीं बेची जानेवाली खेती की जमीन का मूल्य निर्धारित करने का फाॅर्मूला तय किया़ इस फॉर्मूले के आधार पर संताल परगना के उपायुक्तों ने अपने-अपने क्षेत्र में जमीन का मूल्य निर्धारित किया.
तीन परियोजनाओं के लिए घोषित हुआ था अवार्ड : गोड्डा के उपायुक्त ने नयी दर पर तीन परियोजनाओं के लिए अधिगृहित जमीन में अवार्ड घोषित कर दिया. इसमें हंसडीहा-गोड्डा रेल लाइन के लिए अधिगृहित 355 एकड़, जिंदल पावर के लिए 141 एकड़ और जीतपुर कोल ब्लाॉक के लिए 338 एकड़ जमीन का घोषित अवार्ड शामिल था़ विधानसभा में नयी दर पर आपत्ति किये जाने के बाद सरकार ने इसे स्थगित कर दिया. इसके बाद नयी दर के आधार पर किये गये कार्यों की समीक्षा हुई. इसमें रेल परियोजना और जीतपुर कोल ब्लॉक के लिए अवार्ड घोषित किये जाने का मामला प्रकाश में आया. सरकार ने इसे तत्काल प्रभाव से रद्द करने का आदेश दिया.
अमित खरे ने मूल्य निर्धारण कमेटी छोड़ी
रांची. अमित खरे ने संताल में जमीन का मूल्य निर्धारित करने के लिए बनी कमेटी छोड़ दी है. सरकार को दी सूचना में कहा है कि उन्हें इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था़ अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है और उन्हें सदस्य के रूप में शामिल किया गया है. इसलिए उनका दूसरी कमेटी में शामिल होना न्यायोचित नहीं है.