पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल करने पर पूरे दिन मंथन होता रहा. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की टीम इस विषय पर इन जातियों के प्रतिनिधियों से उनका पक्ष लेती रही. वहीं राज्य सरकार की भी इस संबंध में राय ली गयी. आयोग के अध्यक्ष जस्टिस वी ऐसवर्थ, सदस्य एसके करवेंथन व डॉ शकील-उल-जामा अंसारी ने जातियों के प्रतिनिधियों से खुद बातचीत की. प्रधान सचिव एसके सत्पथी ने इन जातियों के बारे में आयोग के सदस्यों को जानकारी दी.
बागती जाति के सदस्यों ने बताया कि सूची में बागदी (बागची) दर्ज है, पर वे बागती जाति के हैं. बागती घाटशिला, पश्चिमी सिंहभूम के इलाके के रहनेवाले हैं. वे शुरू से ही उपेक्षित हैं. कुआं का पानी पीते हैं. सरकार ने एक चापाकल दिया है. उनकी सारी बातें सुनने के बाद सदस्य डॉ अंसारी ने कहा कि आपलोग अच्छे से पढ़ें-लिखें. आपको सारी सुविधाएं मिलेंगी. आपको सूची में शामिल किया जायेगा. वहीं कुरमी महतो के प्रतिनिधि केशव महतो कमलेश, राजाराम महतो सहित अन्य ने अपनी बातें रखीं. आयोग ने सभी जातियों के प्रतिनिधियों की बातें दर्ज करा ली हैं. इस पर निर्णय दिल्ली में होगा.
13 पिछड़ी जातियों पर विचार: सोय, जदुपारतेय, पारथे, सूत्रधार, बागदी (बागती, बागची), लेट, कुनाई, पुष्पनामित, लक्ष्मीनारायण गोला, पारथक, करमी (जसवार, कुरमी, चंदेल), सोनार (स्वर्ण), झोरा.