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माओवादियों ने पूरे परिवार को गांव से निकाला
गुमला: नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों के दस्ते ने सोमवार को चैनपुर थाने के सिविल गांव निवासी फुदू मुंडा को परिवार समेत गांव से निकाल दिया. तीन माह पहले नक्सलियों ने फुदू की बेटी संजीता को गोलियों से भून दिया था. फुदू परिवार के साथ फिलहाल गुमला में शरण लिये हुए है़ उसके परिवार को सिर […]
गुमला: नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों के दस्ते ने सोमवार को चैनपुर थाने के सिविल गांव निवासी फुदू मुंडा को परिवार समेत गांव से निकाल दिया. तीन माह पहले नक्सलियों ने फुदू की बेटी संजीता को गोलियों से भून दिया था. फुदू परिवार के साथ फिलहाल गुमला में शरण लिये हुए है़ उसके परिवार को सिर छिपाने की जगह नहीं है़ माओवादियों के भय से गांववालों ने भी उसकी मदद करने से इनकार कर दिया है़ सिविल गांव जंगलों और पहाड़ों से घिरा है़ गांव में कुछ दिन पूर्व माओवादियों ने फुदू मुंडा की बेटी संजीता कुमारी नामक युवती की हत्या पुलिस मुखबीर होने के आरोप में कर दी थी़ संजीता गुमला में रह कर पढ़ती थी़.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हार्डकोर उग्रवादी सिलबेस्टर पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था और उसका सहयोगी पकड़ा गया था़ उसी समय से नक्सलियों ने इस गांव को निशाने पर लिया था़ माओवादियों का एक दस्ता सिविल गांव पहुंचा, जिसमें बुद्धेश्वर, नवीन, लाजिम अंसारी, रंथू और बीरबल शामिल थे़ ग्रामीणों के साथ उन लोगों ने बैठक की और कहा कि तुमलोग पुलिस के दलाल हो़ पुलिस ने सिलबेस्टर को मारने के लिए काफी राशि दी है़ इसके बाद माओवादियों ने फुदू के घर में ताला जड़ दिया़.
पैदल ही पहुंचा गुमला
लगभग 70 किलोमीटर की दूरी तय कर कोटाम होते हुए सोमवार को प्रभावित परिवार सोमवार की सुबह गुमला पहुंचा और फिलहाल करौंदी में रिश्तेदार के यहां शरण ले रखा है. माओवादियों के खिलाफ पुलिस से डर के मारे गुहार नहीं लगाई है.
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