सल्फर तथा फास्फोरस युक्त इस्पात का उपयोग उच्च गुणवत्ता वाले निर्यात उन्मुखी स्लेब बनाने में होता है. इस परियोजना में इस्पात में सल्फर तथा फास्फोरस की मात्रा नियंत्रित करने की प्रक्रिया पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. इस परियोजना से सेल में उच्च गुणवत्ता वाले इस्पात स्लेब बनाने की क्षमता हासिल होगी.
द्वितीय परियोजना में नियंत्रित मात्रा में स्पिनेल तथा रिफरेक्ट्री के विकास पर काम होगा. इसप्रकार की उच्च गुणवत्ता वाली रिफरेक्ट्री के उपयोग से इस्पात में स्लेग की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है. इस उच्चगुणवत्ता वाली रिफरेक्ट्री के प्रभाव का अध्यन सेकेंडरी स्टील के उत्पादन में भी किया जायेगा. इस अवसर पर आरडीसीआइएस से पीपी सेनगुप्ता एवं डाॅ पी सर्वनन तथा आइआइटी मुंबई से प्रो के नर्सिम्हन, ए मुखोपाध्याय व एस बासु उपस्थित थे.