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निवेशकों को 20 फीसदी तक सब्सिडी

झारखंड इंडस्ट्रियल एंड इन्वेस्टमेंट पॉलिसी 2016 का प्रस्ताव जारी सुनील चौधरी रांची : झारखंड सरकार राज्य में निवेशकों को 20 फीसदी तक सब्सिडी देने का प्रावधान करने जा रही है. राज्य सरकार द्वारा नयी उद्योग नीति में सभी क्षेत्र के निवेशकों को लाने के लिए कई प्रावधान किये हैं. इसे झारखंड इंडस्ट्रियल एंड इन्वेस्टमेंट पॉलिसी […]

झारखंड इंडस्ट्रियल एंड इन्वेस्टमेंट पॉलिसी 2016 का प्रस्ताव जारी
सुनील चौधरी
रांची : झारखंड सरकार राज्य में निवेशकों को 20 फीसदी तक सब्सिडी देने का प्रावधान करने जा रही है. राज्य सरकार द्वारा नयी उद्योग नीति में सभी क्षेत्र के निवेशकों को लाने के लिए कई प्रावधान किये हैं. इसे झारखंड इंडस्ट्रियल एंड इन्वेस्टमेंट पॉलिसी 2016 का नाम दिया गया है.
नीति का प्रस्ताव उद्योग विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है, जिसमें उद्यमियों व आम नागरिकों से सुझाव मांगे गये हैं. गौरतलब है कि उद्योग नीति 2014 की अवधि 31 मार्च 2016 को समाप्त हो रही है. सरकार इसे अवधि विस्तार देने की जगह नयी नीति लाने जा रही है. यह नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान व स्टार्ट अप इंडिया को ध्यान में रखते हुए तैयार की गयी है.
प्रस्तावित नीति में कौशल विकास, निर्यात को बढ़ावा, खनिज आधारित उत्पाद, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, प्लास्टिक एवं रबर, रसायन, इलेक्ट्रिकल, सीमेंट, मेटालर्जी, ऑटोमोबाइल, हेवी इंजीनियरिंग उपकरण, आइटी, रेशम, हेंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, खादी, टेक्सटाइल उद्योग का आधुनिकीकरण एवं मार्केटिंग सपोर्ट पर जोर दिया गया है. आइटी व अॉटोमोबाइल उद्योगों में कई छूट दिये गये हैं.
सरकार ने नये औद्योगिक पार्क को अंचल स्तर पर बनाने पर जोर दिया है. साथ ही लघु एवं मध्यम उद्योगों पर जोर देते हुए अलग-अलग कलस्टर सिस्टम बनाने का प्रयास किया गया है.
उद्योग विभाग ने आम लोगों से मांगे सुझाव
क्या है लक्ष्य
सरकार झारखंड को निवेशकों के लिए पसंदीदा राज्य बनाने तथा टिकाउ औद्योगिक विकास के लक्ष्य को लेकर चल रही है. परियोजनाओें को स्वीकृति प्रदान करने तथा वित्तीय और गैर–वित्तीय सहायता देने की समयबद्ध, वेब आधारित, पारदर्शी प्रक्रिया लागू करने की बात कही गयी है. बड़े उद्योगों के साथ लघु एवं मध्यम उद्योगों का लिंकेज स्थापित करने, औद्योगिक विकास में अनुसूचित जाति, जनजाति तथा कमजोर वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने, रोजगार के अवसर प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है. साथ ही किसानों की आय बढ़ाकर खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है.
क्या दी जायेगी सुविधाएं
– एक दिन में वैट रजिस्ट्रेशन, एक दिन में प्रोफेशनल टैक्स रजिस्ट्रेशन
– 24 घंटे के भीतर प्रदूषण नियंत्रण, वन, नगर विकास, वाणिज्य कर, श्रम विभाग की जांच रिपोर्ट.
– एक माह के भीतर जल का आवंटन, एचटी और एलटी कनेक्शन की प्रक्रिया 15 दिन के भीतर
– ऑनलाइन आवेदन और स्वीकृति, औद्योगिक एरिया में ऑनलाइन जमीन आवंटन.
– नयी दिल्ली में एक निवेश केंद्र बनाया गया है. आइएएस अधिकारी निवेश कमिश्नर बनाये गये हैं. यह राज्य के सभी विभागों को केंद्र सरकार के साथ समन्वय का काम करेंगे.
– उद्योग के लिए गैर मजरूआ जमीन और सरकारी जमीन भी दी जा सकती है.
– इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथोरिटी द्वारा दस हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा.
– परिवहन सेवा में निजी क्षे़त्र की भागीदारी होगी. सभी जिला मुख्यालयों को फोर लेन से जोड़ा जायेगा.
– गैस पाइपलाइन नेटवर्क
– एक्सप्रेस वे और फोर लेन के लिए निजी निवेशकों को मिलेगा मौका
– टूरिज्म प्रमोशन लैंड पॉलिसी बनायेगी सरकार
– कोडरमा–बहरागोड़ा औद्योगिक कॉरिडोर का निर्माण, दोनों ओर 25 किलोमिटर का कॉरिडोर.
क्या है खास
– झारखंड औद्योगिक पार्क नीति 2015 के अंतर्गत निजी क्षेत्र, संयुक्त उद्यम तथा पीपीपी मोड में विभिन्न औद्योगिक पार्कों की स्थापना करना
– लघु एवं मध्यम उद्योगों में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार को बढ़ावा देना
– सूचना तकनीक तथा ऑटो कंपोनेंट में स्पेशल इकोनॉमिक जोन को बढ़ावा देना
– सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से परियोजनाओं को समयबद्ध स्वीकृति प्रदान करना
– स्थानीय उद्योगों को गुणवत्ता प्रमाणपत्र, एफपीओ, आइएसओ, पेटेंट इत्यादि में सहयोग करना. सरकारी खरीदारी में प्राथमिकता देना सुनिश्चित किया जाना है.
– बीमार उद्योगों को पुनर्जीवित करना
– हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा व्यवसाय को बढ़ावा देना
क्या होगी रणनीति
– अधिसंरचना निर्माण, हाइस्पीड सड़क, पैलेस अॉन व्हील में निजी क्षेत्र के निवेश और पीपीपी मोड को बढ़ावा देना. इसके अंतर्गत सड़क, ऊर्जा, टेलीकॉम, औद्योगिक क्षेत्र, औद्योगिक कलस्टर, औद्योगिक पार्क की स्थापना के साथ ही ग्रामीण औद्योगिकीकरण भी शामिल है.
– उद्यम के लिए समयबद्ध और आसान तरीके से ऋण उपलब्ध कराना.
– निर्यात प्रोत्साहन काउंसिल, वाणिज्य और परिवहन विभाग, प्रोडक्ट सेक्टर एसोसिएशन तथा लघु एवं मध्यम उद्योग संघों के साथ समन्वय
– निर्यात को बढ़ावा देना
– औद्योगिक भूखंड आसानी से उपलब्ध कराना और बेहतर प्रबंधन
– महिला तथा अनुसूचित जाति, जनजाति उद्यमियों को विषेश प्रोत्साहन
– स्टार्ट अप तथा नवाचार और तकनीक विकास हेतु अनुसंधान के लिए विश्वविद्यालयों की स्थापना करना.
– मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत व्यवसाय का आसान वातावरण बनाना
– झारखंड निवेश प्रोत्साहन बोर्ड बनने की प्रक्रिया में है. इसमें मुख्यमंत्री मुख्य संरक्षक होंगे. दस या अधिक प्रमुख उद्यमी इसके सदस्य होंगे. बोर्ड राज्य की नीतियों में सुधार तथा सरलीकरण के सुझाव देगा.
– नीति में सिंगल विंडो सिस्टम के तहत सारे क्लीयरेंस देने की बात कही गयी है. इसमें आसान और जवाबदेह प्रक्रिया, राइट टू सर्विस एक्ट लागू करना शामिल है. विभिन्न प्रकार की मान्यता लेने के लिए एक ही आवेदन काफी है. राज्य के सभी टैक्स के लिए एक ही आइडी की व्यवस्था होगी.

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