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विधायकों के खिलाफ मांगी अभियोजन स्वीकृति

रांची: राज्यसभा चुनाव 2012 में हुए हॉर्स ट्रेडिंग मामले में सीबीआइ ने विधानसभा अध्यक्ष से विधायकों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी है. सूत्रों के अनुसार, सीबीआइ ने इन विधायकों को प्रथम दृष्टया दोषी पाया है. हालांकि इस मामले में सीबीआइ के अधिकारियों ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. सीबीआइ की जांच में […]

रांची: राज्यसभा चुनाव 2012 में हुए हॉर्स ट्रेडिंग मामले में सीबीआइ ने विधानसभा अध्यक्ष से विधायकों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी है. सूत्रों के अनुसार, सीबीआइ ने इन विधायकों को प्रथम दृष्टया दोषी पाया है. हालांकि इस मामले में सीबीआइ के अधिकारियों ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है.

सीबीआइ की जांच में पाये गये सभी तथ्यों से संबंधित रिपोर्ट चुनाव आयोग, भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग और केंद्रीय सतर्कता आयोग के पास भेज दी गयी है. स्पीकर की ओर से अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद इन विधायकों सहित मामले के अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया जायेगा.

100 से अधिक लोगों से हुई पूछताछ
सूत्रों के अनुसार, 30 मार्च 2012 को मतदान के बाद रद्द हो चुके राज्यसभा चुनाव में हुए हॉर्स टड्रिंग की जांच के दौरान कुल 36 लोगों को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है. इनमें 22 विधायक और 14 अन्य लोग हैं. इन 22 विधायकों पर प्रस्तावक बनने और वोट देने के लिए पैसों के लेन-देन का आरोप है. हॉर्स ट्रेडिंग की जांच के दौरान 100 से अधिक लोगों से पूछताछ की गयी है.

धारा 164 के तहत करीब एक दर्जन गवाहों के बयान सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत में दर्ज कराये गये हैं. झामुमो विधायक सीता सोरेन पर विकास पांडेय उर्फ संटी पांडेय नामक गवाह का अपहरण कर बयान बदलने का दबाव देने का आरोप है. झाविमो के विधायकों की ओर से भी गवाहों को धमकाये जाने की शिकायत सीबीआइ को मिली थी.

गवाहों को धमकी भी मिली थी
सीबीआइ की जांच में इस बात के साक्ष्य मिले हैं कि विधायकों ने प्रस्तावक बनने और द्वितीय प्राथमिकता के वोट देने को ही पैसों के लेन-देन का मुख्य आधार बनाया था. कुछ विधायकों ने प्रथम प्राथमिकता का वोट ही निर्दलीय प्रत्याशियों को दिया था. आजसू के चार विधायकों ने झामुमो के साथ गंठबंधन का पालन न कर निर्दलीय प्रत्याशी पवन धूत के पक्ष में वोट दिया था. कांग्रेस विधायक अनंत प्रताप देव ने निर्दलीय प्रत्याशी को वोट देने के मामले में पूछे जाने पर कहा था कि चश्मा छूट जाने के कारण उनसे यह गलती हो गयी. वह चश्मा लगाते हैं. वोट के दिन गलती से चश्मा छूट गया था. इससे उन्हें देखने में परेशानी हुई और निशान निर्दलीय प्रत्याशी पर लग गया.

सिर्फ झाविमो ने ही दिया था जवाब
सीबीआइ ने सभी राजनीतिक दलों के सक्षम पदाधिकारियों ने यह जानना चाहा था कि राज्यसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने किसे वोट देने का फैसला किया था. द्वितीय प्राथमिकता का वोट देने या नहीं देने के मुद्दे पर पार्टी स्तर कोई फैसला हुआ था या नहीं. पर, झाविमो को छोड़ कर किसी अन्य राजनीतिक दल ने सीबीआइ के इन सवालों का लिखित तौर पर कोई जवाब नहीं दिया.

इनके ठिकानों पर हो चुकी है छापामारी
विधायक
कांग्रेस (4) : सौरभ नारायण सिंह (हजारीबाग), केएन त्रिपाठी (डालटनगंज), सरफराज अहमद (गांडेय), अनंत प्रताप देव (भवनाथपुर)
राजद (4) : सुरेश पासवान (देवघर), संजय कुमार सिंह यादव (हुसैनाबाद), संजय यादव (गोड्डा),जर्नादन पासवान (चतरा)
झामुमो (3) : विष्णु भैया (जामताड़ा), सीता सोरेन (जामा), पौलूस सोरेन (तोरपा)
आजसू (4) : चंद्र प्रकाश चौधरी (रागमढ़), उमाकांत रजक ( चंदन कियारी), राम चंद्र सहिस (जुगसलाई), कमल किशोर भगत (लोहरदगा)
भाजपा (2): रामचंद्र बैठा ( कांके), अरुण मंडल (राजमहल)
जदयू (1) : सुधा चौधरी (छतरपुर)
निर्दलीय (2) : बंधु तिर्की, चमरा लिंडा
नोट : भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद अजय मारू के ठिकानों पर भी छापामारी हुई थी. इसके अलावा झाविमो के दो विधायक (निजामुद्दीन अंसारी व चंद्रिका महथा) भी जांच के दायरे में हैं, हालांकि दोनों के ठिकानों पर छापामारी नहीं हुई थी.

विधायकों/ नेताओं के करीबी
विपिन मंडल, वकील यादव ( विधायक संजय यादव के भाई), जोगिंदर यादव (विधायक के ससुर), बोध नारायण माझी (सीता सोरेन के पिता), राजेंद्र मंडल (सीता सोरेन का पीए और सूरज मंडल का बेटा)

निर्दलीय प्रत्याशी व उनके करीबी
आरके अग्रवाल (निर्दलीय प्रत्याशी), पवन धूत (निर्दलीय प्रत्याशी), सौमित्र शाह (आरके अग्रवाल के दामाद), सुधांशु त्रिपाठी (शाह स्पंज के मैनेजर), सौरभ तापड़िया (धूत का सीए), पवन कुमार शाह ( आरके अग्रवाल के रिश्तेदार), वैभव तापड़िया (धूत इंफ्रा स्ट्रक्चर का सीइओ), राम बांगड़ (व्यापारी) सुनील माहेश्वरी ( एजेंट, कोलकाता)

हॉर्स ट्रेडिंग मामला : कब क्या हुआ
– 30 मार्च 2012 को आयकर ने एक गाड़ी से नामकुम से 2.15 करोड़ रुपये जब्त किये. इसी दिन चुनाव हुए. आयोग ने वोटों की गिनती पर रोक लगा दी. इसके बाद राष्ट्रपति से चुनाव रद्द करने की अनुशंसा की
– दो अप्रैल को कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप बलमुचु ने वोटों की गिनती की मांग को लेकर हाइकोर्ट में याचिका दायर की. बाद में जयशंकर पाठक ने चुनाव आयोग की अनुशंसा के विरुद्ध जनहित याचिका दायर की
– पांच अप्रैल को हाइकोर्ट ने राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग की सीबीआइ जांच का आदेश दिया. पाठक पर एक लाख का दंड लगाया.
– 19 अप्रैल को सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज की
– 21 अप्रैल को तीन विधायकों व निर्दलीय प्रत्याशी आरके अग्रवाल के ठिकानों पर छापे मारे
– 17 मई को मंत्री, पूर्व सांसद, विधायकों व निर्दलीय प्रत्याशी पवन धूत के ठिकानों पर छापे मारे
– 13 जून को विधायक बंधु तिर्की,चमरा लिंडा, विधायकों के रिश्तेदारों व पवन धूत से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापे मारे
– 14 मई 2013 को सीबीआइ ने निर्दलीय प्रत्याशी आरके अग्रवाल को गिरफ्तार किया

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