रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में मरीजों को डायट (खाना) देने में कंजूसी बरती जा रही है. मरीजों के बेड तक डायट तय मानक से कम पहुंच रहा है. सबसे ज्यादा कंजूसी लिक्विड डायट पर रहनेवाले मरीजों के साथ हो रही है. फल के वजन को निर्धारित वजन से कम कर और फल की क्वालिटी में समझौता करके कंजूसी की जाती है. ताजा के बजाय सूखा फल मरीजों को दिया जाता है. यह मामला शनिवार को प्रभारी अधीक्षक डॉ वसुंधरा एवं मेडिकल ऑफिसर डॉ रघुनाथ द्वारा रिम्स किचन के निरीक्षण में सामने आया है.
सेब के वजन में थी कमी
किचन के निरीक्षण में मरीजों के लिए आया सेब बहुत छोटा-छोटा था. सूखा हुआ भी था. जो मरीज लिक्विड डायट में रहते हैं, उन्हें दूध, 300 ग्राम फल, अंडा एवं ब्रेड दिये जाते हैं. जो फल मरीजों को दिया जा रहा था, उसका वजन 150 ग्राम से ज्यादा नहीं था. प्रभारी अधीक्षक के निर्देश पर स्टॉक में रखे सेब को हटाने का निर्देश दिया गया.
डायटिशियन को चेतावनी
डायटिशियन को मरीजों के डायट के साथ समझौता नहीं करने का निर्देश दिया गया. निर्देश में कहा गया कि मरीजों के लिए जो तय डायट है, उसमें किसी हाल में कमी नहीं होनी चाहिए. उत्तम क्वालिटी का फल ही मरीजों को दिया जाये. डायटिशियन को फिलहाल चेतावनी दी गयी है.
लाउंड्री की स्थिति बदतर
प्रभारी अधीक्षक के निरीक्षण में रिम्स के लाउंड्री की स्थिति बदतर मिली. लाउंड्री की अधिकतर मशीनें खराब थीं. आयरन खराब था. मरीजों का चदार धोने के बाद बिना आयरन किये ही फोल्ड किया जा रहा था. प्रभारी अधीक्षक ने लाउंड्री इंचार्ज को हर हाल में व्यवस्था में सुधार लाने का निर्देश दिया है.