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विभागीय समीक्षा: अभियंताओं से बोले मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ठेकेदारों से डरने की जरूरत नहीं, ईमानदारी से करें काम

रांची: जल संसाधन विभाग की समीक्षा के दौरान यह पाये जाने पर कि कई सिंचाई योजनाओं को पूरा करने में लगी एजेंसियां व संवेदक सरकारी खजाने से काफी पैसा ले चुके हैं, पर काम पूरा करने में उनकी दिलचस्पी नहीं है. ऐसी एजेंसियों एवं संवेदकों का एकरारनामा समाप्त कर नये सिरे से काम शुरू करवाने […]

रांची: जल संसाधन विभाग की समीक्षा के दौरान यह पाये जाने पर कि कई सिंचाई योजनाओं को पूरा करने में लगी एजेंसियां व संवेदक सरकारी खजाने से काफी पैसा ले चुके हैं, पर काम पूरा करने में उनकी दिलचस्पी नहीं है. ऐसी एजेंसियों एवं संवेदकों का एकरारनामा समाप्त कर नये सिरे से काम शुरू करवाने तथा भैरवा जलाशय के काम में लगे विजेता कंस्ट्रक्शन का एकरारनामा समाप्त कर उसे काली सूची में डालने का आदेश विभागीय मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने दिया है.

बैठक में कई अभियंताओं ने ठेकेदारों के सामने अपने को कमजोर बताया. इस पर अभियंताओं से कहा गया कि वह स्वतंत्र होकर अपने कार्य निष्ठा व ईमानदारी से करें. ठेकेदारों की शिकायत पर आप पर कार्रवाई नहीं होगी. मंत्री नेपाल हाउस सचिवालय के सभागार में अपने विभाग के वृहद, मध्यम व लघु सिंचाई योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे.

मंत्री ने वैसे संवेदकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया, जो निर्धारित समय सीमा के भीतर अपना काम पूरा नहीं कर पाते तथा यदा-कदा स्थानीय लोगों को उकसा कर काम बाधित कराते हैं. उन्होंने आदेश दिया कि राज्य के पुलिस महानिदेशक से संपर्क कर पुलिस बल मांगे तथा भैरवा जलाशय सहित अन्य सिंचाई परियोजना का काम जल्द पूरा कराया जाये. मंत्री ने चालू वित्तीय वर्ष का बजट सौ फीसदी खर्च करने को भी कहा.
समीक्षा के दौरान यह बात सामने आयी कि कुल 102 पुरानी योजनाओं का जीर्णोद्धार तो हो चुका है, पर नहर के अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच सका है. उन्होंने 31 मार्च तक सभी नहरों की सफाई सुनिश्चित करने को कहा है. समीक्षा के क्रम में तेनुघाट जलाशय में अवशिष्ट डालकर पानी को गंदा करने के मामले में कहा गया कि ऐसा करने वालों के खिलाफ एफआआर दर्ज करायी जाये. समीक्षा के दौरान अपरशंख जलाशय योजना, सोनुआ जलाशय योजना, नकटी जलाशय योजना, सोनार सिंचाई परियोजना, भैरवा जलाशय योजना, अपरशंख सिंचाई योजना, तिलैया सिंचाई योजना, नंदनी योजना, लतरातू सिंचाई योजना, धन सिंह सिंचाई योजना, स्वर्णरेखा सिंचाई परियोजना आदि पर चर्चा हुई. चांडिल डैम की दांयी नहर का डीपीआर 31 दिसंबर तक तैयार कर लेने तथा चांडिल बांयी मुख्य नहर के वितरण के काम में तेजी लाने पर भी जोर दिया गया. समीक्षा बैठक में विभागीय सचिव सुखदेव सिंह सहित अभियंता प्रमुख व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
चांडिल के विस्थापितों को भुगतान दलालों से माध्यम से न हो
समीक्षा के दौरान यह बात सामने आयी कि विभागीय लोग विस्थापितों को जो भुगतान कर रहे हैं, उसमें गड़बड़ी होती है. नाम में मामूली फेरबदल कर यह लाभ सही व्यक्ति के बजाय किसी अौर के पास जा रहा है. इस पर मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि भुगतान दलालों के माध्यम से नहीं, बल्कि विभाग के स्तर से हो. भुगतान के काम में लगे लोगों को बदल कर काम में तेजी लाने को कहा गया है. गौरतलब है कि विस्थापितों को भुगतान के लिए कुल 18 करोड़ में से अभी सिर्फ आठ करोड़ रुपये वितरित हुए हैं. शेष रकम मार्च तक बांट देने का निर्देश दिया गया है.

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