मंत्री ने विभागीय सचिव को स्पष्ट निर्देश दिया है कि विगत अक्तूबर माह से राज्य में खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू हो गया है, पर राशन दुकानों से बंटने वाले अनाज की सुरक्षा संभव नहीं हो सकी है. इसके लिए हर संभव उपाय करने होंगे. इसलिए 15 दिसंबर को जिला आपूर्ति पदाधिकारियों, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) और राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) के पदाधिकारियों की जो बैठक बुलायी गयी है, उसमें सभी पदाधिकारियों को वे सारी सूचनाएं लाने को कहा जाये, जो उन्होंने अपनी टिप्पणी के साथ अटैच की है.
मंत्री के अनुसार यदि सचिव को लगता है कि 15 दिसंबर तक सूचनाओं को एकत्र करना कठिन है, तो बैठक की तिथि एक सप्ताह के लिए आगे बढ़ायी जा सकती है, परंतु सूचनाएं हर हालत में उपलब्ध करानी हैं. उन्होंने कहा है कि जनवरी-2015 से सितंबर-2015 तक पुराने राशन कार्डों पर जो खाद्यान्न वितरित हुए हैं, उनकी सत्यता की जांच करायी जायेगी.