रांची: कांटाटोली स्थित खादगढ़ा बस पड़ाव को राजधानी से बाहर करना बहुत जरूरी है. वर्तमान में राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था जिस प्रकार से चरमरायी है, उसमें इस बस पड़ाव का बहुत बड़ा हाथ है.
उक्त बातें समाजसेवी राजीव रंजन मिश्र के आवास में हुई बैठक में वक्ताओं ने कही. वक्ताओं ने कहा कि राज्य बनने के बाद राजधानी की आबादी में बेतहाशा वृद्धि हुई है. यही वजह है कि चौक-चौराहों पर रोज जाम लग रहा है. उन्होंने कहा कि कांटाटोली चौक की हालत सबसे बदतर है. यहां पर वाहन पार करना किसी युद्ध जीतने के बराबर है. ऐसे में इस बस पड़ाव को राजधानी से बाहर किया जाना चाहिए. बस पड़ाव को बाहर करने से राजधानी की 13 लाख आबादी को काफी राहत मिलेगी.
आज राजधानी रांची की पहचान एक जाम शहर के रूप में है. प्रशासन को इसके लिए कड़े कदम उठाने चाहिए.
मो खालिद
बस पड़ाव को हटाने से समस्या का हल नहीं होगा. जरूरत है कि प्रशासन शहर को जाम मुक्त करने के लिए कुछ कड़े कदम उठाये.
शाहनवाज अहमद
राजधानी का सिंह द्वार है कांटाटोली. यहां बाहर से आनेवाले लोगों का स्वागत जाम से होता है. सोचिए वे क्या सोचते होंगे हमारे शहर के बारे में.
रियाज खान
राजधानी की आबादी दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है. सरकार बस पड़ाव का स्थल नामकुम के आसपास में ढूंढ़े, इससे शहर जाम मुक्त होगी.
दीपू गाड़ी
दिनों-दिन बढ़ती आबादी के कारण बस स्टैंड को शहर से बाहर किया जाना जरूरी है. बिना बस पड़ाव के हटाये हुए ट्रैफिक जाम से मुक्ति नहीं मिल सकती है. मेरा जिला प्रशासन से आग्रह होगा कि वह बस स्टैंड को हटाय. साथ ही बस पड़ाव में जो रोजी रोजगार करते हैं, उन्हें नये पड़ाव में दुकान उपलब्ध करायें.
राजीव रंजन मिश्र