10.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

6000 ठेकेदारों के पास काम नहीं

रांची : ग्रामीण सड़कों का काम करनेवाले छोटे ठेकेदारों को काम नहीं मिल पा रहा है. अधिकतर ठेकेदार टेंडर में छंट जा रहे हैं. केवल बड़े ठेकेदारों या तीन साल में सबसे ज्यादा काम करनेवाले ठेकेदारों को ही काम मिल पा रहा है. इस वजह से पथ व ग्रामीण कार्य विभाग में रजिस्टर्ड करीब 6000 […]

रांची : ग्रामीण सड़कों का काम करनेवाले छोटे ठेकेदारों को काम नहीं मिल पा रहा है. अधिकतर ठेकेदार टेंडर में छंट जा रहे हैं. केवल बड़े ठेकेदारों या तीन साल में सबसे ज्यादा काम करनेवाले ठेकेदारों को ही काम मिल पा रहा है. इस वजह से पथ व ग्रामीण कार्य विभाग में रजिस्टर्ड करीब 6000 ठेकेदारों पर संकट हो गया है. वे काम को लेकर बेचैन हैं.

कई ठेकेदार तो झारखंड छोड़ कर बिहार जाने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने अपनी व्यथा राज्य के आला अफसरों से भी बतायी है. उनका कहना है कि यह स्थिति केवल ग्रामीण सड़कों के टेंडर में ही है. हाल ही में ग्रामीण सड़कों के लिए बनी नयी टेंडर नीति के कारण सबकुछ हो रहा है. उनका कहना है कि पहले सब कुछ सामान्य था़ नयी नीति से बड़े ठेकेदार काम लेने में सफल हो रहे हैं.

नवंबर में बनी नीति, फिर दिसंबर में हुआ संशोधन : ग्रामीण कार्य विभाग ने 27 नवंबर को नयी टेंडर नीति बनायी थी. इसके तहत यह व्यवस्था की गयी थी कि दो अलग-अलग श्रेणी के संवेदकों की वरीयता का आधार निबंधन श्रेणी में पूर्व में किये गये कार्यों का आधार माना जायेगा. यदि पूर्व में किये गये कार्यों की संख्या समान हो, तो वैसी स्थिति में उच्चतर श्रेणी के संवेदक को वरीय माना जायेगा. इस से बड़े ठेकेदारों को लाभ मिला़ 14 दिसंबर को पुन: इस क्लाॅज को बदल दिया गया़ तय किया गया कि यदि संवेदकों की दर, वरीयता एवं श्रेणी समान हो, तो जिस संवेदक द्वारा गत तीन वित्तीय वर्षों में अधिकतम राशि के कार्य पूर्ण किये गये हैं, उन्हें कार्य आवंटन में प्राथमिकता दी जायेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें