रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्रीय टीम से सुखाड़ पर शीघ्र कार्रवाई करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सुखाड़ की घोषणा की जा चुकी है. अत: सुखाड़ की भयावह स्थिति का मुआयना केंद्रीय टीम खुद क्षेत्र में जाकर करे . नुकसान का शीघ्र आकलन करते हुए राज्य सरकार द्वारा सूखे से निबटने के लिए भेजे गये प्रस्ताव पर शीघ्र फैसला करे.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 1140.77 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा है. इसमें कृषि के लिए 216.39 करोड़ रुपये, नगर प्रक्षेत्र के लिए 30.77 करोड़ रुपये, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के लिए 170.39 करोड़ रुपये तथा जल संसाधन के लिए 723.21 करोड़ रुपये है. वह शनिवार को प्रोजेक्ट भवन में सुखाड़ का जायजा लेने दिल्ली से आयी इंटर मिनिस्ट्रीयल सेंट्रल टीम के साथ बैठक कर रहे थे. केंद्रीय टीम दो दिनों तक राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा करेगी.
शनिवार को कृषि मंत्रालय के अपर सचिव जलज श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम पलामू गयी. दूसरी टीम ने हजारीबाग और रामगढ़ में स्थिति का जायजा लिया. इसके पूर्व मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में सुखाड़ पर विस्तार से चर्चा की गयी. कृषि विभाग द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से स्थिति के बाबत जानकारी दी गयी. बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सुखाड़ की स्थिति से निबटने के लिए राज्य सरकार की ओर से हर पंचायत में 10 क्विंटल अनाज का बफर स्टॉक भी उपलब्ध कराया जा रहा है.
झारखंड में 1100–1200 एमएम बारिश होती है, लेकिन बारिश के समय पर नहीं होने से सुखाड़ की स्थिति पैदा होती है. जरूरत है इस पानी को रोकने की. इसके लिए अगले वर्ष बरसात के पूर्व ही तालाब एवं कुओं की मरम्मत के साथ–साथ नये तालाब एवं कुआं खुदवाने तथा चेक डैम के निर्माण का कार्य पूरा कर लिया जायेगा, ताकि उस क्षेत्र का जल उसी क्षेत्र में संचित हो सके.
इससे भूमि जलस्तर बना रहेगा एवं पूरे साल कृषि कार्य किया जा सकेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार को मनरेगा में 100 दिन के काम को 150 से 200 दिन तक बढ़ाने हेतु प्रस्ताव दिया गया है, जिससे सुखाड़ के कारण उत्पन्न बेरोजगारी की स्थिति को दूर करने में काफी हद तक मदद मिलेगी.