रांची: राज्य भर के 654 बालू घाटों से बालू की खुदाई, उठाव व ढ़लाई का काम बंद है. बालू का काम बंद होने से राज्य भर के 1.92 लाख लोग बोरोजगार हो गये हैं. इसमें 92 हजार लोग वैसे हैं, जो सीधे तौर पर (बालू घाटों पर खुदाई करने, ट्रकों व अन्य वाहनों पर बालू लोड-अनलोड करने, वाहनों के चालक खलासी व मालिक) बालू के धंधे से जुड़े हैं.
एक लाख लोग ऐसे हैं, जो बालू से जुड़े निर्माण कार्यो में लगे हैं. बालू नहीं मिलने से सभी के परिवार को सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. यदि हर कमाने वाले एक मजदूर पर उनके परिवार के चार लोग आश्रित होंगे, तो 7.68 लोगों के सामने भरन-पोषण की समस्या उत्पन्न हो गयी है.
वाहन मालिकों पर चढ़ा बैंक का कर्ज
बालू खुदाई व उठाव का काम बंद होने का असर वाहन मालिक परेशान हैं. राज्य भर में 6605 वाहन (ट्रक, ट्रैक्टर व टबरे) बालू की ढ़लाई में लगे हैं. अधिकांश लोगों ने बैंक या प्राइवेट फाइनांसर से लोन लेकर वाहन खरीदा है. जिन लोगों ने सरकारी बैंक से कर्ज लिया है, उनके सामने तो कम, लेकिन जिन्होंने प्राइवेट फाइनांसर से कर्ज लिया है वह ज्यादा परेशान हैं. बालू का काम बंद होने से इनके सामने लोन की किश्ती देने की समस्या आन खड़ी हुई है. खूंटी व तुपुदाना से खबर है कि प्राइवेट फाइनांसरों ने 10 ट्रकों को सीज कर लिया है. वाहनों के चालक-खलासी व मजदूर बेकार हो गये हैं.