मुख्यमंत्री : रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार 28 दिसंबर को अपनी पहली वर्षगांठ मनायेगी. एक वर्ष में सरकार के समक्ष क्या-क्या बाधाएं आयीं. किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा़ एक वर्ष के कार्यकाल में सरकार की क्या उपलब्धियां रहीं. अगर कुछ नहीं किया, तो उसका क्या कारण रहा. भविष्य की क्या योजनाएं हैं.
कुछ ऐसे ही सवालों को लेकर प्रभात खबर राज्य के हुक्मरानों के पास पहुंचा है. सरकार के कर्णधारों से सवाल किये हैं. इस कड़ी में कल्याण एवं समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांडी से वरीय संवाददाता दीपक सिंह ने व स्कूली शिक्षा व साक्षरता तथा उच्च शिक्षा व तकनीकी मंत्री डॉ नीरा यादव से संवाददाता सुनील कुमार झा ने बातचीत की.डॉ मरांडी राज्य में रह रही
सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल को वह मिला-जुला बताती हैं. वहीं डॉ नीरा यादव का कहना है िक एक वर्ष में शिक्षा विभाग में कई ऐसे काम हुए, जो गत 15 वर्ष में नहीं हुए़ वर्षों से लंबित समस्याओं का समाधान हुआ़ कुछ कमियां अब भी हैं, जिसे दूर करेंगी. प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश.
एक वर्ष के दौरान आपकी महत्वपूर्ण उपलब्धि क्या रही?
मेरे पास दो विभाग हैं, एक कल्याण तथा दूसरा महिला और बाल विकास विभाग. अब सामाजिक सुरक्षा भी मेरे ही अधीन है. तीनों विभाग अपने आप में बड़े हैं और सीधे कल्याणकारी योजना और विकास से जुड़े हुए हैं. कल्याण विभाग में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ी, अल्पसंख्यक और आदिम जनजाति के विकास की योजनाएं संचालित की जाती हैं.
इसके अलावा तीन सौ करोड़ से अधिक की छात्रवृत्ति का भुगतान हर वर्ष प्री मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक योजना के तहत किया जाता है. सरकार कक्षा छह से लेकर कक्षा नौवीं तक प्री मैट्रिक योजना को ऑनलाइन और पारदर्शी करने की कोशिश कर रही है. बाहर पढ़ रहे झारखंडी छात्र-छात्राओं के लिए अधिकतम 50 हजार रुपये छात्रवृत्ति देने की राशि तय कर दी गयी है. महिला और बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका का मानदेय बढ़ा दिया गया है.
यह फाइल वित्त विभाग के पास है. सेविका-सहायिका को अटल पेंशन योजना से भी जोड़ कर अंशदायी बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है. साइकिल के लिए लाभुकों के खाते में तीन हजार रुपये का भी भुगतान सीधे किये जाने का फैसला एक महत्वपूर्ण कदम है.
वनबंधु योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति आदर्श ग्राम योजना की क्या स्थिति है?
केंद्र ने वन बंधु योजना के तहत लिट्टीपाड़ा का चयन किया है. इसके लिए 10 करोड़ रुपये रिलीज कर दिये गये हैं. जहां तक मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना की बात है,
15 नवंबर से पहले एक हजार गांवों का चयन कर लिया गया है. यहां पर बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा. दुमका में अनुसूचित जनजाति और आदिम जनजाति के लिए मोबाइल चिकित्सा वैन की शुरुआत की जा रही है. इससे गांवों में ही आदिम जनजाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों का इलाज मौके पर किया जायेगा. यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरु किया जा रहा है. आदिवासी गांवों में सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर खरीदने की योजना बनायी गयी है. मेसो क्षेत्र में रह रहे लोगों को इसका लाभ मिलेगा.
आज कल कौशल विकास की अधिक बातें हो रही हैं, क्या योजनाएं हैं?
कल्याण विभाग तथा महिला और बाल विकास विभाग में भी कौशल विकास को लेकर योजनाएं बनायी गयी हैं. कल्याण विभाग ने पैन आइआइटी गुरुकुल के साथ समझौता किया है. दुमका में 26 जनवरी के पहले कंस्ट्रक्शन और ड्राइविंग का प्रशिक्षण कार्यक्रम संस्था की तरफ से शुरू किया जायेगा. फिलहाल कोडरमा, रांची और गुमला में पैन आइआइटी गुरुकुल की तरफ से स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसका भविष्य में विस्तार किया जायेगा.
कब्रिस्तान की घेराबंदी आपके विभाग की महत्वपूर्ण योजना है. इसकी क्या स्थिति है?
राज्य भर के 150 कब्रिस्तानों की घेराबंदी के लिए पहली बार समय पर पैसा दिया गया है. विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर सभी समुदाय के विकास के कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं.
जनजातीय सलाहकार पर्षद की बैठकों में लिये गये फैसले का अनुपालन समय पर नहीं होता है?
जनजातीय सलाहकार पर्षद की बैठक हर तीन महीने में हो, यह सुनिश्चित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर अनुसूचित जनजाति के लाभुकों को कैसे कर्ज मिले, इसके लिए उच्च स्तरीय समिति भी बनायी गयी है. पर्षद की अनुशंसा को समय पर लागू करने की कोशिशें भी की जा रही है.
आपने जून माह में घोषणा की थी कि कल्याण विभाग में अस्थायी शिक्षकों की नियुक्ति होगी. घोषणा पर कितना अमल हुआ?
घोषणा पर अमल हो रहा है. सभी जिलों में 459 अस्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. पंचायत चुनाव के बाद आवेदकों का साक्षात्कार भी शुरू हो जायेगा. 10,927 पोषण सखी की नियुक्ति की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. कल्याण विभाग के छात्रावास और स्कूलों में रात्रि प्रहरी, रसोइया, चतुर्थ वर्गीय कर्मियों को संविदा पर रखने के लिए भी निविदा मंगायी गयी है. 17 जिलों में तेजस्विनी योजना की शुरुआत करने की फाइल वित्त विभाग को भेजी गयी है. विधवा महिलाओं का जीवन कैसे बदले, अगले बजट से इसके लिए नयी योजना लायी जायेगी.
कुछ कमियां अब भी हैं, पर इसे दूर करूंगी : डॉ नीरा यादव
सरकार का एक वर्ष पूरा होने पर बधाई, एक साल का अनुभव कैसा रहा?
एक वर्ष का अनुभव काफी बढ़िया रहा . विभाग को पटरी पर लाया गया है़ काम भी तेजी से हो रहे है़ जनता भी सरकार के काम से संतुष्ट है़ सरकार पारदर्शी तरीके से काम कर रही है़ जनता से संवाद स्थापति कर काम करने का प्रयास किया गया है़ इसका परिणाम भी दिख रहा है़
अाप कह रही हैं कि विभाग बेहतर काम कर रहा है, पर शिक्षा विभाग का बदलाव धरातल पर नहीं दिख रहा़ स्कूलों में पठन-पाठन की स्थिति खराब है?
धरताल पर काम उतरने में समय लगेगा़ एक साल के अंदर वर्षों से लंबित काम शुरू किया गया है़ राज्य गठन के बाद से स्कूल से लेकर कॉलेज तक में शिक्षकों की कमी थी़ शिक्षा विभाग ने सबसे पहले शिक्षकों के शत-प्रतिशत रिक्त पदों पर नियुक्ति का काम शुरू किया है़ प्राथमिक विद्यालयों में इस वर्ष अब तक लगभग 15 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई है़ नियुक्ति पत्र वितरण कुछ दिनों में पूरा हो जायेगा़ शिक्षकविहीन 338 हाइस्कूल में लगभग 1700 शिक्षक नियुक्त हुए़ उच्च विद्यालय में नियुक्ति के लिए एक नियमावली बनायी गयी है़ 18 हजार हाइस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू की जायेगी़ ऐसे में आपको आने वाले दिनों में विभाग के काम से होने वाला बदलाव देखने को मिलेगा़
जिला से लेकर प्रखंड शिक्षा कार्यालय तक बिना चढ़ावा काम नहीं होता़ सेवानिवृत्ति लाभ के लिए भी शिक्षकों को परेशान किया जाता है?
इससे निजात पाने के लिए लोगों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी़ शिक्षा विभाग द्वारा सेवानिवृत्ति का लाभ सेवानिवृत्ति के दिन देने की योजना शुरू की गयी है़ विभाग काफी पारदर्शी तरीके से काम कर रहा है़ इसके बाद भी अगर किसी व्यक्ति को अनावश्यक परेशान किया जाता है, तो वे इसकी शिकायत उनसे करें. इसके बाद भी अगर लोग अपने काम के लिए चढ़वा देते हैं, तो लेने वाले के साथ-साथ देने वाले भी दोषी हैं.
पारा शिक्षक प्रत्येक वर्ष अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करते है़ं सरकार उनकी समस्याओं का कोई स्थायी समाधान करेगी?
इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि राज्य के हजारों विद्यालय आज भी पारा शिक्षकों के भरोसे है़ं लाखों बच्चों के पठन-पाठन की जवाबदेही उनके कंधों पर है़ पारा शिक्षकों की समस्या का स्थायी समाधान नहीं होना चिंता की बात है़ इस वर्ष जब पारा शिक्षकों ने आंदोलन किया तो मैंने खुद दोनों गुटों से बात की़ पारा शिक्षकों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है़ पारा शिक्षकों की समस्याओं का स्थायी समाधान निकालने के लिए सरकार प्रयासरत है़
प्लस टू विद्यार्थी के लिए कैरियर के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण होता है, पर अपने राज्य में प्लस टू (इंटर) की पढ़ाई का सिस्टम फेल है?
विभाग अगले वित्तीय वर्ष में माध्यमिक शिक्षा पर विशेष ध्यान देेगी़ प्रत्येक पंचायत में एक हाइस्कूल व प्रखंड में प्लस टू हाइस्कूल खोले जायेंगे़ अभी प्रत्येक पंचायत में हाइस्कूल नहीं है़ हाइस्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति भी की जायेगी़ हमारे पास भी कोई जादू की छड़ी नहीं है, तुरंत बदलाव नहीं आयेगा़ कुछ समय बाद रिजल्ट देखने को मिलेगा़
राज्य में कॉलेज की स्थिति काफी खराब है़ कई डिग्री कॉलेज की स्थिति तो स्कूल से भी बदतर है?
विश्वविद्यालय की स्थिति में सुधार किया जायेगा़ राज्य में कॉलेजों की स्थिति में सुधार के लिए काम शुरू कर दिया गया है़ विश्वविद्यालय व कॉलेजों में दो शिफ्ट में पढ़ाई शुरू की गयी है़
इसके लिए राशि भी दे दी गयी है़ कॉलेजों में कोचिंग शुरू की गयी है. महिला कॉलेज खोलने की प्रक्रिया शुरू की गयी है़ मैं केवल घोषणा करने में विश्वास नहीं करती़, जो करूंगी, वही कहूंगी.
राज्य में निजी इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेज खोलने की बात हो रही है, पर सरकार पॉलिटेक्निक कॉलेज नहीं चला पा रही है?
सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों की स्थिति खराब है़ विभागीय सचिव को सभी पॉलिटेक्निक कॉलेजों के लिए डीपीआर बनाने को कहा गया है़ रांची महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज के लिए राशि दी गयी है़