रांची : मानसून को गुजरे तीन माह होने को हैं. गरमी का मौसम आने में अभी चार माह बाकी है. लेकिन शहर का वाटर लेबल दिनों दिन नीचे जा रहा है. वाटर लेबल के नीचे जाने का सबसे अधिक असर शहर में रांची नगर निगम द्वारा लगाये गये चापानलों पर पड़ा है. ये वे चापानल हैं, जिन पर मोहल्ले के गरीब-गुरबे आश्रित रहते हैं. परंतु इस बार जाड़े में ही गरमी वाली स्थिति उत्पन्न हो गयी है. जिन चापानलों में मानसून के दिनों में झर-झर पानी बहता था,
अब जाड़े की शुरुआत में ही इन चापानलों ने पानी देना बंद कर दिया है. वर्तमान में रांची नगर निगम क्षेत्र में निगम द्वारा लगाये गये 3500 से अधिक चापानलों में से 850 चापानलों ने पानी देना पूरी तरह से बंद कर दिया है. यह आनेवाले समय के लिए गंभीर संकेत है. नगर आयुक्त प्रशांत कुमार की भी मानें तो जल समस्या का समाधान किसी एक दिन से नहीं किया जा सकता. इसके लिए सभी को जागरूक होना पड़ेगा. सभी को मिल कर प्रयास करना होगा. जब लोग जल संरक्षण के लिए प्रयासरत होंगे, तभी गिरते वाटर लेबल पर लगाम लगाया जा सकता है.