मेदिनीनगर/रांची: आधिकारिक तौर पर पलामू हटिया ग्रिड से जुड़ गया है. लेकिन वास्तविकता तौर पर स्थिति कुछ अलग है. जो स्थिति है, उसमें अभी हटिया ग्रिड से पलामू को बिजली मिले, इसमें एक सप्ताह का समय लगेगा.
यद्यपि उदघाटन के बाद कार्य युद्धस्तर पर जारी है. ट्रांसमिशन लाइन के चीफ इंजीनियर पलामू में ही हैं. उनकी देखरेख में कार्य चल रहा है. गौरतलब है कि गुरुवार को राज्य के ऊर्जा मंत्री राजेंद्र सिंह ने एक समारोह में इस योजना का उदघाटन किया था, तब यह कहा गया था कि पलामूवासियों को आज से पर्याप्त बिजली मिलेगी.
कनेक्शन हो चुका है, टेस्टिंग में है : जेएसइबी अध्यक्ष
लातेहार ग्रिड से आयी ट्रांसमिशन लाइन डालटनगंज ग्रिड से जोड़ दी गयी है. अभी टेस्टिंग चल रही है. इसमें एक सप्ताह का समय लगता है. कई सब स्टेशन को जोड़ना होता है. फिर इसे चालू किया जाता है. कहीं बाधा आने पर फिर इसे काट कर ठीक किया जाता है. यह ट्रांसमिशन लाइन की तकनीकी प्रक्रिया है. इस कारण पलामू के लोगों को लगता होगा कि कनेक्शन नहीं हुआ है. जबकि काम हो रहा है. एक सप्ताह बाद पलामू के लोगों को 24 घंटे बिजली मिलने लगेगी.
एसएन वर्मा, अध्यक्ष, झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड
दिन भर गुल रही बिजली
शुक्रवार को बिजली का हाल बुरा रहा. दिन भर शहर के कई इलाकों में बिजली गुल रही. सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक बाजार इलाके में बिजली गुल रही. लोगों का कहना है कि तब हटिया ग्रिड से जुड़ने का लाभ क्या.
क्या है योजना की स्थिति
हटिया ग्रिड से सुदना ग्रिड में बिजली आयेगी, उसके बाद सुदना ग्रिड से बैरिया, आबादगंज व रेडमा सब स्टेशन को बिजली सप्लाई की जायेगी, जहां से आम उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति की जायेगी. लेकिन स्थिति यह है कि सुदना ग्रिड से अभी तक बैरिया व आबादगंज सब स्टेशन का तार नहीं जुड़ा है. विभागीय सूत्रों के अनुसार अभी फिलहाल बैरिया व आबादगंज सब स्टेशन को ही जोड़ना है. एक-दो माह के बाद रेडमा सब स्टेशन जुड़ेगा. लेकिन अभी तक बैरिया व आबादगंज सब स्टेशन भी ग्रिड से नहीं जुड़ पाया है. काम जारी है. इसमें पांच से सात दिन का समय लग सकता है. इधर लातेहार से मेदिनीनगर तक 203 बिजली टावर खड़े किये गये हैं. विभागीय सूत्रों के अनुसार आज जब बिजली हटिया से दी गयी, तो फॉल्ट आया. कारण लातेहार से मेदिनीनगर तक जो तार लाये गये, उसमें कई जगहों पर तार से पेड़ सट रहे हैं. इसलिए पेड़ कटिंग का भी कार्य किया जा रहा है. अभी पुरानी व्यवस्था के तहत ही पलामू को बिहार के सोननगर व उत्तर प्रदेश के रिहंद से बिजली मिल रही है.