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पुराने दोस्तों से मिल कर मिलती है जीवन को नयी ऊर्जा

रांची : बीआइटी मेसरा के 1961- 65 बैच के विद्यार्थी रांची क्लब में आयोजित गेट-टुगेदर में सपत्नीक शामिल हुए़ बीरेंद्र सिंह के साथ-साथ बोकारो, जमशेदपुर, हजारीबाग व रांची से आये युगल किशोर मारु, जसविंदर सिंह गंभीर, वीके तुलस्यान, मूलचंद अग्रवाल, संतोषनाथ शाहदेव, भरत कुमार माहेश्वरी, मुरलीधर सुल्तानिया व ओम प्रकाश बुधिया ने एक-दूसरे से गले […]

रांची : बीआइटी मेसरा के 1961- 65 बैच के विद्यार्थी रांची क्लब में आयोजित गेट-टुगेदर में सपत्नीक शामिल हुए़ बीरेंद्र सिंह के साथ-साथ बोकारो, जमशेदपुर, हजारीबाग व रांची से आये युगल किशोर मारु, जसविंदर सिंह गंभीर, वीके तुलस्यान, मूलचंद अग्रवाल, संतोषनाथ शाहदेव, भरत कुमार माहेश्वरी, मुरलीधर सुल्तानिया व ओम प्रकाश बुधिया ने एक-दूसरे से गले मिले और पुराने दिनों की यादें ताजा की़
युगल किशोर मारु ने बताया कि पुराने दोस्तों से मिल कर खुशी और नयी ऊर्जा मिलती है़ संतोषनाथ शाहदेव ने जानकारी दी कि मिनी गेट-टुगेदर का सिलसिला शुरू हुआ है, जिसमें आसपास के शहरों के दोस्त मिलते है़ं 21 नवंबर को दिल्ली में इसी तरह का आयोजन हुआ था़
पुराने दोस्तों को देख मिलती है खुशी : बीरेंद्र सिंह ने कहा कि पुराने दोस्तों को खुशहाल देख खुशी मिलती है़फिलहाल वह जर्मनी में आईबीएम से जुड़े है़ं जब पढ़ते थे तब और अब की रांची में क्या अंतर पाते हैं? इस पर उन्होंने कहा कि अब रांची में काफी बदलाव आ गया है़ भीड़-भाड़, प्रदूषण काफी बढ़ गया है़ पैदल यात्रियों के लिए जगह नहीं है़ उन्हें लगता है कि सुजाता चौक से अलबर्ट एक्का चौक तक मेन रोड को पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित कर देना चाहिए़
बीरेंद्र सिंह हर साल पीपी कंपाउंड आते है़ं यहां उनके भाई रहते है़ं इस बार बीरेंद्र ने पीपी कंपांउड में अपनी गली का नामकरण किया है़ गली के मुहाने पर फ्लावर लेन का बोर्ड लगाया है, उस गली के हर घर के सामने अलग-अलग नंबर लगाया है, ताकि किसी नये व्यक्ति को किसी का घर ढूंढ़ने में कठिनाई न हो़ वह कहते हैं कि एेसी छोटी छोटी बातें जीवन को कुछ सहज बनाती है़ उन्हें उम्मीद है कि अब अगल-बगल गली वाले भी ऐसा करेंगे़
हसबैंड के सीक्रेट्स पता करती हैं
कार्यक्रम में सभी पूर्ववर्ती छात्र सपत्नीक शामिल थे़ उज्जल गंभीर, पुष्पा मारु, सुलोचना तुलस्यान, विमला माहेश्वरी, पार्वती बुधिया … सभी गृहणियां है़ं यह पूछने पर कि जब उनके पति अपने पुराने मित्रों के साथ पुरानी यादें ताजा कर रहे हैं, तब वे आपस में किस टॉपिक पर बातें कर रही हैं?
उज्जल गंभीर ने हंसते हुए कहा कि अपने हसबैंड के सीक्रेट्स पता कर रही है़ फिर बताया कि घरेलू बातें, बेटा-बहू, नाती-पोते की ही बातें होती है़ गपशप के बाद सभी मित्रों ने साथ भोजन किया और ‘फिर मिलेंगे’ के वादे के साथ जुदा हुए़

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