रांची : झारखंड में अब पेड़ लगा कर भी धन कमाया जा सकता है. सरकार पेड़ लगाने और उसके रख-रखाव पर होने वाले खर्च का आधा हिस्सा तीन वर्षों तक वहन करेगी. पेड़ जब विकसित होगा तो, पेड़ पर पेड़ लगाने वाले का ही अधिकार होगा, सरकार का नहीं. मुख्यमंत्री 15 नवंबर को इससे संबंधित योजना की घोषणा करेंगे.15 नवंबर को मुख्यमंत्री रघुवर दास दो बड़ी योजनाओं की घोषणा करेंगे, जिसमें मुख्यमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना और मुख्यमंत्री जन वन योजना शामिल है. जन वन योजना द्वारा पहली बार नागरिकों को भी पर्यावरण संरक्षण से जोड़ा जा रहा है. झारखंड की एसटी-एसी बच्चियां, अब अाठवीं कक्षा के बाद पढ़ाई न छोड़े, इसके लिए भी सीएम योजना आरंभ करेंगे.
क्या है मुख्यमंत्री जन वन योजना
इस योजना के तहत पौधरोपण करने वाले नागरिकों को पौधों के रख-रखाव पर तीन साल तक होने वाले खर्च के 50 प्रतिशत का भुगतान सरकार करेगी. राज्य में अब तक पौधरोपण की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की थी. सरकार का यह मानना है कि जनभागीदारी के बिना पौधरोपण के काम को सही तरीके से नहीं किया जा सकता है. इसलिए इस योजना की शुरुअात की गयी है. योजना के तहत किसी व्यक्ति द्वारा न्यूनतम एक एकड़ और अधिकतम 50 एकड़ जमीन पर फलदार या लकड़ी के लिए पौधरोपण करने पर उसे अनुदान दिया जायेगा. पौधरोपण करने से तीन साल तक उसके रख-रखाव पर होने वाले कुल खर्च की 50 फीसदी राशि सरकार उसे लौटा देगी. इन वृक्षों पर राज्य सरकार का किसी तरह का कोई दावा नहीं होगा. सरकार का मानना है कि इससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा.
क्या है मुख्यमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना
मुख्यमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना के तहत एसटी-एसी बालिका जैसे ही छठी कक्षा में जायेंगी, उनके नाम दो-दो हजार रुपये का एफडी सरकार करायेगी. पर रकम नवीं कक्षा में जाने के बाद ही छात्रा निकाल सकेंगी. सरकार यह व्यवस्था इसलिए कर रही है, ताकि बीच में पढ़ाई न छोड़ी जाये. यदि छात्रा सातवीं या आठवीं में पढ़ाई छोड़ देती हैं, तो वह इस योजना से वंचित रह जायेंगी. नवीं या दसवीं कक्षा में जाने के बाद एफडी पर उक्त अवधि तक जितना ब्याज होगा, ब्याज समेत छात्रा वह रकम निकाल सकेगी. इस वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए 18 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. 15 नवंबर को मुख्यमंत्री सांकेतिक रूप से पांच छात्राओं को एफडी का कागजात सौंपेंगे.