ब्रिटिश मीडिया ने मोदी के अतीत को उछालाब्रिटिश मीडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा का शुक्रवार को व्यापक कवरेज किया. लेकिन, कई खबरों में उनके अतीत और मानवाधिकारों पर उनके रिकाॅर्ड की आलोचना की गयी. ‘द गार्जियन’, ‘द टाइम्स’ और ‘द इंडिपेंडेंट’ ने मोदी से जुड़े विवादों (गुजरात में हुए 2002 के दंगे और 2012 तक उनके प्रति ब्रिटिश सरकार के रुख) को अपने पन्नों में खूब जगह दी. तब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. अखबारों ने नौ अरब पौंड का सौदा होने के फैसलों के बारे में और संसद भवन में संबोधन सहित विभिन्न बैठकों की भी खबरें छापी हैं.- डेली टेलीग्राफ में पहले पन्ने की तसवीर में कैप्शन लगाया, ‘सब कुछ माफ हो गया. श्रीमान मोदी.’-टाइम्स की खबर, ‘डेविड कैमरून ने इस बात पर जोर दिया है कि मानवाधिकारों पर नरेंद्र मोदी के रिकाॅर्ड के बावजूद ब्रिटेन भारत के साथ मजबूत संबंधों को जारी रखेगा.’- द टाइम्स में स्तंभकार फिलिप कोलिंस ने लिखा है, ‘कट्टर प्रधानमंत्री ऐसे व्यक्ति नहीं हैं, जो हमारे मूल्यों को साझा करते हैं. बल्कि, ब्रिटेन का भारत के साथ संबंध एक व्यक्ति से कहीं अधिक बड़ा है.’-द गार्जियन ने शीर्षक लगाया, ‘अवांछित व्यक्ति मोदी के लिए उच्च सुरक्षा और कैमरून की सराहना’. इसने भारतीय मूल के प्रख्यात ब्रिटिश मूर्तिकार अनीश कपूर का एक आलोचनात्मक आलेख भी छापा है.इंट्रोदुनिया के कई देशों में अपना जलवा बिखेरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब ब्रिटेन में पहुंचे, तो उनके प्रशंसकों ने दिल खोलकर उनका स्वागत किया. यूरोप के दूसरे सबसे बड़े स्टेडियम वेंबले में उन्होंने 60,000 से अधिक भारतीयों के समूह को संबोधित किया. उन्होंने परोक्ष रूप से भारत में असहिष्णुता के मुद्दे पर पलटवार किया, तो अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनायीं. साथ ही भारत को विश्व शक्ति बनाने के अपने सपने का जिक्र किया और प्रवासी भारतीयों से अपील की कि अपने देश को समृद्ध बनाने में अपनी भूमिका निभायें और खुद को भी समृद्ध बनायें.अपनी उपलब्धियां गिनायी-देश के सभी स्कूलों में गर्ल चाइल्ड के लिए टॉयलेट-जन-धन योजना के तहत 19 करोड़ बैंक खाते खोले गयेमोदी के दो सपने-स्वच्छ भारत का-24 घंटे बिजली पहुंचाने काब्रिटेन में रहनेवाले भारतीयों को तोहफा-ओसीआइ की प्रक्रिया को सरल बनाया जायेगा और उस समस्या से आपको मुक्ति मिल जायेगी-ओसीआइ और पीआइओ का मर्जर कर दिया गया है, लेकिन कुछ लोगों को इसमें दिक्कत आ रही है. उसको भी सरल करने के आदेश दे दिये गये हैं. फिर भी यदि कोई कठिनाई हो, तो उसकी व्यवस्था हो गयी है-वीजा समस्या को इलेक्ट्रॉनिक ट्रावेल ऑथोराइजेशन कर दिया गया है-भारत सरकार ने ‘मदद’ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार किया है, वहां से आप अपनी आवश्यक चीजें प्राप्त कर सकते हैं-ई-माइग्रेशन पोर्टल बनाया गया, जिससे एक स्थान से दूसरे स्थान पर जानेवाले व्यक्ति को तमाम जानकारियां उपलब्ध हो जायेंगी-इंडियन कम्युनिटी वेलफेयर फंड की व्यवस्था की गयी है, ताकि संकट में फंसे लोगों की मदद की जा सके-15 दिसंबर से लंदन-अहमदाबाद सीधी उड़ान सेवा शुरू हो जायेगीसेंट्रल डेस्क/एजेंसियां, लंदनप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी ब्रिटेन यात्रा के दूसरे दिन वेंबले स्टेडियम में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भारत तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है. पूरी दुनिया आज भारत के प्रति आशा की नजर से देख रही है. भारत अब किसी की मेहरबानी नहीं चाहता, वह बराबरी चाहता है. 18 महीनों के अनुभव से मैं कह सकता हूं कि आज भारत के साथ जो भी बात करता है, बराबरी से करता है. जुड़ना चाहता है, तो विन-विन के फॉर्मूले से बढ़ना चाहता है. आगे बढ़ना चाहता है, तो कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ना चाहता है. और ये आनेवाले उत्तम भविष्य के शुभ संकेत हैं.प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व दो प्रमुख समस्याओं से जूझ रहा है. दुनिया भर के नेता आतंकवाद और ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा जरूर करते हैं. इन दोनों समस्याओं से सारी मानव जाति को बचाने की जिम्मेवारी सभी देशों की है, मानवता में विश्वास करनेवाले हर नागरिक की है. भारत इसके लिए सही रास्ता दिखा सकता है. महात्मा गांधी का जीवन, उनके उपदेश, उनके अहिंसा के मार्ग में वह ताकत है, जो आतंकवाद से मुक्ति का रास्ता दिखा सकता है और ग्लोबल वार्मिंग से भी मुक्ति दिला सकता है. इसलिए भारत की जिम्मेवारी है कि ऐसे संकट की घड़ी में मानवता के कल्याण के लिए विश्व को इन समस्याओं से बाहर निकलने के लिए भूमिका निभाये. भारत अपनी भूमिका निभा रहा है और आगे भी निभाता रहेगा.उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी हिंदुस्तान में 18,000 गांवों में बिजली का खंभा तक नहीं पहुंचा. उन्होंने 1,000 दिन में इन सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का संकल्प लिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि 125 करोड़ लोगों के देश में 100 से अधिक भाषाएं हैं, 1500 बोलियां हैं, हजारों साल के खान-पान की पद्धति है. दक्षिण से निकले, तो उत्तर पहुंचते-पहुंचते सैकड़ों प्रकार की वेश-भूषाएं नजर आती हैं. यही विविधता हमारी विशेषता भी है, आन-बान-शान भी है और शक्ति भी है.भारत की धरती पर कबीर और रहीम की बातें हम सबको प्रेरणा देती रही हैं. सूफी परंपरा आज विश्व में आतंकवाद के नाम पर जो चीजें चल रही हैं, कभी मुझे लगता है कि अगर सूफी परंपरा बलवान हुई होती, तो इसलाम में ही अगर सूफी परंपरा का प्रभाव पड़ा होता, लोगों ने सूफी परंपरा को समझा होता, तो कभी हाथों में बंदूक लेने की नौबत नहीं आती. ऐसी विविधताओं से भरी दुनिया के प्रमुख समुदाय हिंदुस्तान की धरती पर हैं. भारी मात्रा में. कैमरून ने घड़ी की सुई उल्टी घुमा दीप्रधानमंत्री ने कहा कि श्यामजी कृष्ण वर्मा की बैरिस्टरी वापस कर कैमरून सरकार ने सौ साल बाद घड़ी की सुई को उल्टा कर दिया. वह लंदन में रह कर भारत की आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे. इसलिए तब की ब्रिटेन सरकार ने उनकी बैरिस्टरी का लाइसेंस रद्द कर दिया. अब 100 साल बीत जाने के बाद कैमरून सरकार ने उनका लाइसेंस फिर से बहाल किया है. उन्होंने बताया वर्मा ने मदन लाल धींगड़ा और वीर सावरकर को भारत की आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित किया था.पुरानी समस्याओं से भारत मुक्त हो, यह जरूरी है. साथ ही आधुनिक और समृद्ध भारत बनाना है. विकास की नयी ऊंचाइयों को पार करना है. हमारे यहां रेलवे बहुत पुरानी व्यवस्था है. लेकिन, जिस गति से रेलवे का विकास होना चाहिए. दूर-सुदूर क्षेत्रों में उसे पहुंचाना चाहिए. अब अच्छी सुविधावाली और तेज गति से चलनेवाली रेल चाहिए. इसलिए रेलवे में 100 फीसदी एफडीआइ के दरवाजे खोल दिये हैं. पहली बार लंदन स्टॉक एक्सचेंज में भारत की रेलवे ‘रुपी बांड’ लेकर आयी है. यह पहली बार हुआ है. जब बांड की बात होती है, तो सबसे पहले जेम्स बांड की याद आती है.मनोरंजन की दुनिया में जेम्स बांड से हम भली-भांति परिचित हैं. उससे आगे ब्रुक बांड टी की याद आती है. अगर जेम्स बांड मनोरंजन देता है, तो ब्रुक बांड ताजगी देता है. अब न मनोरंजन से चलना है, न सिर्फ ताजगी से चलना है, अब विकास की राह पर जाना है. इसलिए जेम्स बांड, ब्रुक बांड और रुपी बांड.एफडीआइ का मेरे लिए खास महत्व है. फास्ट डेवलप इंडिया. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और फास्ट डेवलपमेंट इंडिया का समन्वय कर हम आगे बढ़ना चाहते हैं. भारत के प्रति विश्व का विश्वास बढ़ रहा है. यही बढ़ता विश्वास भारत को आगे बढ़ाने की एक सबसे बड़ी हमारी ताकत है. इस ताकत को लेकर हम आगे बढ़ना चाहते हैं. रक्षा क्षेत्र आज भी हमारी रक्षा के लिए दुनिया की मदद पर निर्भर रहना पड़ता है. अरबों-खरबों रुपये हमारे बाहर चले जाते हैं. हमने बीड़ा उठाया है कि अगर भारत के वीर भारत की रक्षा करते हैं, तो भारत के वीरों के हाथ में वो शस्त्र भी भारतीय के हाथ से बना होना चाहिए. इसलिए दुनिया से रक्षा के क्षेत्र में उपयोग में आनेवाली पनडुब्बियां, हेलीकॉप्टर, हवाई जहाज, टैंक, छोटे हथियार का निर्माण भारत में हो, उसकी विशेषज्ञता, उसकी तकनीक भारत में कैसे आये, उस पर बल दे रहे हैं.शस्त्रार्थ की दुनिया के बेताज बादशाह अब भारत में आने के लिए बात कर रहे हैं. मैं विश्व को कहना चाहता हूं कि रक्षा के क्षेत्र में भारत का आत्मनिर्भर बना, तो दुनिया के एक बटा छह आबादी को सुरक्षा मिल जायेगी. हम अपना भला करना चाहते हैं, लेकिन हमारी भलाई में औरों की भी भलाई होनी चाहिए. मैंने कहा था कि ग्लोबल वार्मिंग की चिंता. भारत ने दो चीजों का बीड़ा उठाया है. पहला, हम दुनिया को सूर्य पुत्र राष्ट्र के देशों का संगठन करना चाहते हैं. भारत ने बीड़ा उठाया है कि दुनिया में 102 देश ऐसे हैं, जिनको सहज रूप से सूर्य का लाभ मिलता है. दुनिया में पैसेवाले देशों का संगठन है. जी-7 है, जी-20 है, आसियान है. लेकिन, सूर्य पुत्रों को कभी किसी ने एकत्र नहीं किया, हमने इसका बीड़ा उठाया है. ये देश मिलकर सोलर एनर्जी में रिसर्च करें, सूर्य शक्ति का सबसे ज्यादा कैसे उपयोग हो, प्रकृति की रक्षा हो. इस व्यवस्था का नेतृत्व भारत करने जा रहा है और पिछले कुछ दिनों से मैं देख रहा हूं कि सभी देशों से मुझे सकारात्मक समर्थन मिल रहा है. इस महीने के अंत में विश्व के नेताओं से वह कहेंगे कि भारत नेतृत्व करने के लिए तैयार है.भारत में भी हर जगह सूर्य की किरणें नहीं पहुंचतीं. जहां बिजली है, वहां भी 24 घंटे नहीं है. 2019 महात्मा गांधी के 150 साल हो रहे हैं. सोलर एनर्जी, विंड एनर्जी175 गीगा बाइट रिन्यूअल एनर्जी का बीड़ा उठाया है. इस विश्व नेताओं को अचरज होता है. लेकिन, मेरे देशवासियों, आपके आशीर्वाद से मुझे पूरा भरोसा है कि भारत एक सूर्य शक्ति राष्ट्र बन सकता है. उसके बाद छोटे-छोटे टापू देश ग्लोबल वार्मिंग से भयभीत हैं, के जीवन में खुशियां लाने का काम भारत कर सकता है और हम उसे कर रहे हैं. आज दुनिया में आइएमएफ, वर्ल्ड बैंक या कोई भी रेटिंग एजेंसी हो, सभी एक स्वर से कहते हैं कि भारत विश्व के बड़े देशों की सबसे तेज गति से आगे बढ़नेवाली इकॉनोमी है.ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल भ्रष्टाचार से जुड़े देशों की रेटिंग एजेंसी है. हमारे देश में दीमक की तरह भ्रष्टाचार ने हमें तबाह कर रखा है. हम इस दीमक की दवा कर रहे हैं. जनता के पैसे की पाई-पाई का हिसाब जनता को मिलना चाहिए. हमने कदम उठाये और ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने भारत को पहले की स्थिति से 10 अंक ऊपर कर यह बताया कि हमारे यहां भ्रष्टाचार कम हुआ है. हमारे यहां चीन से कम भ्रष्टाचार है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में हम दुनिया के अंतिम पायदान पर थे, आज तेजी से ऊपर की ओर बढ़ रहे हैं. हमें आधुनिक भारत बनाना है.हम यह गलती कभी न करें कि टीवी के पर्दे पर दिखनेवाले भारत को ही पूरा हिंदुस्तान मान बैठें. अखबार की हेडलाइन में जो है, उतना ही हिंदुस्तान है, ऐसा नहीं है. हिंदुस्तान बहुत बड़ा है. टीवी के पर्दे के बाहर भी 125 करोड़ भारतवासियों का देश बहुत गहरा हिंदुस्तान है, बहुत ऊंचा हिंदुस्तान है. बहुत ही उत्तम हिंदुस्तान है. न कभी आपने पढ़ा होगा, न सुना होगाराजस्थान के अलवर में इमरान खान नाम का एक व्यक्ति शिक्षा को समर्पित व्यक्ति है. उसने मोबाइल फोन की 50 ऐप बनायी. वह भी विद्यार्थियों को काम आये, ऐसी शिक्षा से संबंधित ऐप. अलवर के इमरान ने ये 50 ऐप विद्यार्थियों के नाम मुफ्त में समर्पित कर दी. अलवर के उस इमरान खान में मेरा हिंदुस्तान है.कुछ समय पहले हरियाणा में बेटा-बेटी के रिश्तों में बड़ा अंतर था. बेटी पढ़ाओ-बेटी बढ़ाओ अभियान की शुरुआत वहां से की. एक छोटे से गांव के सरपंच ने सेल्फी विद डॉटर का प्रयोग किया. मैंने उसकी तारीफ की. मैं हैरान था कि सारी दुनिया में सेल्फी विद डॉटर का जन आंदोलन खड़ा हो गया. बड़े-बड़े राजनेता, शिक्षाविद, उद्योगपति ने अपनी बेटी के साथ सेल्फी निकाली और मोबाइल पर सर्कुलेट कर दिया. मां बेटियों का सम्मान करने का अभियान चल पड़ा. ये है मेरा हिंदुस्तान.सैकड़ों लोग हैं, जो आदिवासियों के बीच जाकर, उनकी कठिनाइयों को जीकर कोई शिक्षा की अलख जगा रहा है, तो कोई उनके स्वास्थ्य और संस्कार की चिंता कर रहा है. सुदूर गांवों में ऐसे अनेक तपस्वी बैठे हैं. वे समाजसेवा का व्रत लेकर अपना काम कर रहे हैं. ऐसे कोटि-कोटि जनों के सामर्थ्य के भरोसे ही मैं कहता हूं कि हिंदुस्तान बहुत आगे बढ़नेवाला है. हिंदुस्तान दुनिया में विकास की नयी ऊंचाइयों को पार करनेवाला है.भारत-इंगलैंड का अपनापनदो घड़ी रखने की जरूरत नहीं. आप घड़ी को उल्टा कर दीजिए, हिंदुस्तान का समय नजर आ जायेगा. आपकी घड़ी सीधी रखोगे, तो यूके का टाइम है, उल्टी करोगे, तो इंडिया का टाइम है. दुनिया के किसी दूसरे दो देशों के बीच यह समीकरण नहीं है. इतना ही नहीं, इंगलैंड और भारत का यह प्यार हमारे पास-पड़ोस में भी किसी में नहीं है. यह सौभाग्य सिर्फ हिंदुस्तान और इंगलैंड के बीच का है. जब तक सूरज-चांद रहेगा, जब तक समय की गति चलेगी, भारत और इंगलैंड का नाता और मजबूत होता जायेगा. हम कंधे से कंधा मिला कर चलेंगे.हमारे लिए आप सब हमारे हैंहमारी पहचान खून से होगी, पासपोर्ट के रंग से नहीं. जितना अधिकार हिंदुस्तान पर नरेंद्र मोदी का है, उतना ही अधिकार आप सबका भी है. भारत मां के लिए हम भी जुड़ने का प्रयास करें, अपनी शक्ति और समय कभी न कभी मां भारती के लिए लगाने के लिए कभी न कभी सोचें. देश आपका इंतजार कर रहा है. भारत में वह शक्ति है, जो आपके सपनों को वटवृक्ष बना सकता है. आइए, देश आगे बढ़ रहा है, हम भी साथ-साथ आगे बढ़ें.
BREAKING NEWS
ब्रिटिश मीडिया ने मोदी के अतीत को उछाला
ब्रिटिश मीडिया ने मोदी के अतीत को उछालाब्रिटिश मीडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा का शुक्रवार को व्यापक कवरेज किया. लेकिन, कई खबरों में उनके अतीत और मानवाधिकारों पर उनके रिकाॅर्ड की आलोचना की गयी. ‘द गार्जियन’, ‘द टाइम्स’ और ‘द इंडिपेंडेंट’ ने मोदी से जुड़े विवादों (गुजरात में हुए 2002 के दंगे और […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement