रांची: किसानों के भ्रमण और प्रशिक्षण की राशि यूं ही पड़ी हुई है. इसके लिए 10 करोड़ रुपये सरकार ने दिये हैं. इस पैसे को खर्च कर किसानों को तकनीकी रूप से समृद्ध बनाने के लिए एक स्वतंत्र संस्था जैसमिन (झारखंड एग्रीकल्चरल एंड सोइल मैनेजमेंट इंस्टीटय़ूट) का गठन किया गया है. इसके गठन की अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है.
अधिसूचना हुए करीब आठ माह होने जा रहे हैं, लेकिन अब तक नियुक्ति भी नहीं हुई है. एजेंसी कैसे और क्या काम करेगी, यह भी तय नहीं हुआ है. सात अक्तूबर को विभागीय सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने समीक्षा बैठक के दौरान इसकी स्थिति पर नाराजगी जतायी थी. इसके लिए कार्ययोजना बना कर देने का निर्देश भूमि संरक्षण निदेशक (प्रभारी) हेमंत प्रबल को दिया गया है.
प्रशिक्षण के लिए तीन संस्थाएं जोड़ी गयीं : जैसमिन ने किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए विभाग की तीन संस्थाएं जोड़ी है. इनमें राज्य जलछाजन केंद्र नगड़ी, भूमि एवं अनुसंधान इकाई डेमोटांड़ हजारीबाग तथा महिला जलछाजन प्रशिक्षण संस्थान हजारीबाग है. इसकी अधिसूचना हो गयी है. भूमि संरक्षण विभाग के निदेशक को जैसमिन के सीइओ को प्रभार दिया गया है.
क्या है उद्देश्य : जैसमिन का मुख्य काम राज्य में कृषि विकास के लिए किसानों को प्रशिक्षण देना है.