रांची : झारखंड में अगले दो वर्षों में चार नये निजी विश्वविद्यालय खोले जायेंगे. शुक्रवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास की उपस्थिति में अमेटी, आइएसेक, करूण्या और मेटास विश्वविद्यालय को लेटर आॅफ इंटेंट (एलओआइ) का वितरण किया गया. चारों विवि के अध्यक्षों ने श्री दास के हाथों एलओआइ प्राप्त किया.
प्रोजेक्ट भवन में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने विवि को भरोसा दिलाया कि जमीन अधिग्रहण के लिये उनको दिक्कत नहीं होगी. उन्होंने ओरमांझी और खूंटी में जमीन होने की बात कही. मंच से ही उच्च शिक्षा सचिव को चारों विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों को जमीन दिखाने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा : राज्य में गुणवत्तायुक्त उच्च शिक्षा के लिये निजी निवेश जरूरी है.
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करनेवालों को सरकार हर संभव सहयोग देगी, सम्मान देगी. मुख्यमंत्री ने निजी विश्ववविद्यालयों के प्रतिनिधियों से कहा : झारखंड की वास्तविक स्थिति उतनी बुरी नहीं है, जैसा प्रचारित किया जाता है. आप रांची को ज्ञान की राजधानी बनायेें. सरकार पूरा सहयोग करेगी. समारोह में शिक्षा मंत्री नीरा यादव, मुख्य सचिव राजीव गौबा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, उच्च शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ डीएन ओझा, रांची विवि के कुलपति डॉ रमेश पांडेय, अमेटी विवि के अध्यक्ष अतुल चौहान, आइसेक विवि के अध्यक्ष संतोष चौबे, मेटास विवि के एमएस जरीवाल और करूण्या विवि के अध्यक्ष जे डैनियल समेत शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े बुद्धिजीवी उपस्थित थे.
सरकार मदद करेगी : शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कहा : सरकार का प्रयास राज्य में उच्च शिक्षा की हर वह व्यवस्था करने की है, जिसके लिये छात्रों को बाहर जाना पड़ता है. राज्य में उच्च शिक्षा का स्तर उठाने के लिये निजी विवि को सरकार हरसंभव मदद करेगी.
गुणवत्तायुक्त शिक्षा नहीं होने की वजह से छात्र जाते हैं विदेश : मुख्य सचिव राजीव गौबा ने कहा कि पूरे देश में गुणवत्तायुक्त शिक्षा का अभाव है. इसी वजह से विदेश पढ़ने जानेवाले छात्रों में सबसे ज्यादा संख्या भारत के बच्चों की होती है. झारखंड में माहौल अनुकूल रहते हुये भी शिक्षा उच्च शिक्षा का विस्तार नहीं हुआ. राज्य में खुलनेवाले निजी विश्वविद्यालयों को हर संभव सहयोग किया जायेगा.
पांच सालों में 1332 करोड़ का निवेश करेंगे विवि : उच्च शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि अगले पांच वर्षों में चारों निजी विवि द्वारा कुल 1332 करोड़ करोड़ रुपये का निवेश शिक्षा के क्षेत्र में किया जायेगा. अमेटी 692 करोड़, आइसेक 90 करोड़, कारूण्या 350 करोड़ और मेटास 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को अगले दो वर्षों में 25 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर, तकनीकी रूप से दक्ष भवन तैयार करा विभागीय स्तर पर बनी कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा. कमेटी के संतुष्ट होने पर ही सरकार विधानसभा में संबंधित विवि के लिये कानून पारित करेगी.