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बंद कमरों में तैयार प्रस्ताव स्वीकार नहीं : नगर आयुक्त

बंद कमरों में तैयार प्रस्ताव स्वीकार नहीं : नगर आयुक्तस्मार्ट सिटी पर निगम सभागार में कार्यशाला संवाददाता, रांची नगर निगम सभागार में स्मार्ट सिटी पर शुक्रवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने कहा कि स्मार्ट सिटी में रांची का चयन हुआ है. प्रथम चरण का काम पूरा कर लिया […]

बंद कमरों में तैयार प्रस्ताव स्वीकार नहीं : नगर आयुक्तस्मार्ट सिटी पर निगम सभागार में कार्यशाला संवाददाता, रांची नगर निगम सभागार में स्मार्ट सिटी पर शुक्रवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने कहा कि स्मार्ट सिटी में रांची का चयन हुआ है. प्रथम चरण का काम पूरा कर लिया गया है. अब दूसरे चरण की तैयारी चल रही है. केंद्र सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि स्मार्ट सिटी के लिए आम जनता का सुझाव लिया जाये. जन-जन तक पहुंचा जाये. प्रस्ताव चार व्यक्ति, बंद कमरों में व सड़क पर चलते-फिरते तैयार नहीं किया जाये. माैके पर मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय एवं निगम के अधिकारी मौजूद थे. आम लोगों के फीडबैक को प्राथमिकताप्रशांत कुमार ने कहा कि यह अनुमान है कि वर्ष 2030 तक अधिकांश ग्रामीण आबादी शहरों में आ जायेगी. अगर स्मार्ट सिटी के लिए योजनाबद्ध तरीका नहीं अपनाया गया, तो इसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. आम जन की भागीदारी के लिए लोगों से फीडबैक मांगा जायेेगा. आम आदमी से यह पूछा जायेगा कि वह कैसा स्मार्ट सिटी चाहते हैं. इको फ्रेेंडली व एजुकेशन हब का आया विचार कार्यशाला में उपस्थित पार्षद एवं अन्य लोगों से स्मार्ट सिटी के लिए फीडबैक फाॅर्म भरवाया गया. फाॅर्म के माध्यम से जानकारी ली गयी कि हमारी क्या अच्छाई है, क्या कमजोरी है, हमारे पास क्या-क्या मौके हो सकते हैं. अंत में यह निकल कर आया कि शहर इको फ्रेंडली हो एवं एजुकेशनल हब बनें.कार्यशाला में पार्षदों की आधी रही उपस्थिति स्मार्ट सिटी एवं आपदा प्रबंधन पर आयोजित कार्यशाला में पार्षदों की संख्या आधी रही. करीब 25 से 30 पार्षद ही मुश्किल से पहुंच पाये. जो पहुंचे थे, उनकी भी कार्यशाला में रुचि नहीं थी. वह किसी तरह कार्यशाला खत्म होने का इंतजार कर रहे थे. पंडालों तक पहुंचने का हो रास्ता : दिलीपरांची. आपदा से निबटने के लिए शुक्रवार को नगर निगम सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें प्राकृतिक आपदा एवं भगदड़ से निबटने की जानकारी दी गयी. यूएनडीपी के सिटी कॉर्डिनेटर दिलीप कुमार ने कहा कि भीड़ वाले जगह पर भगदड़ का मुख्य कारण अफवाह होता है. पंडाल के पास पहुंचने का रास्ता होना चाहिए, जिससे किसी प्रकार की अनहोनी होने पर एंबुलेंस एवं दमकल वाहन पहुंच सके.कार्यशाला में नगर विकास आयुक्त प्रशांत कुमार, मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय मौजूद थे. पूजा में इन बातों का रखा जाये ख्याल- पंडाल की दूरी मकान व संरचना से 15 से 20 मीटर की दूरी पर हो.- पंडाल बनाने में नॉयलान व रस्सी का प्रयोग नहीं हो. – प्रवेश एवं निकास द्वार अलग हो एवं पांच मीटर चौड़ा हो.- पंडाल की वायरिंग योग्य बिजली कर्मी से करायी जाये व बिजली के तार अच्छी क्वालिटी के हों.- पंडाल में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था हो.- पंडाल में फायर फाइटिंग की व्यवस्था हो. \\\\B

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