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पत्नी रेहाना खातून पुलिस प्रशासन से कर रही है अनुरोध
रांची : पुलिस ने हर तरह से जांच कर ली. मेरे पति (इंतेजार अली) के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला. अब तो उन्हें छोड़ दें. हम पहले दिन से जानते थे कि वे निर्दोष हैं. उनके पिता सेना में थे. उनके खून में देश के प्रति वफादारी है. वे कभी गद्दारी कर ही नही सकते. […]
रांची : पुलिस ने हर तरह से जांच कर ली. मेरे पति (इंतेजार अली) के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला. अब तो उन्हें छोड़ दें. हम पहले दिन से जानते थे कि वे निर्दोष हैं. उनके पिता सेना में थे. उनके खून में देश के प्रति वफादारी है. वे कभी गद्दारी कर ही नही सकते. यह कहना है रेहाना खातून का.
रेहाना खातून, डॉ इंतेजार अली की पत्नी है. 20 अगस्त को आर्मी इंटेलिजेंस, रांची जिला पुलिस और जीआरपी ने कीता स्टेशन वर्दमान-हटिया पैसेंजर ट्रेन से इंतेजार अली को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने उन पर विस्फोटक भरा बैग लेकर रांची आने का आरोप लगाया था, लेकिन अब तक की जांच में इस बात की पुष्टि नहीं हो पायी है कि पुलिस ने जो बैग बरामद किया, उसे इंतेजार अली लेकर आ रहे थे.
रेहाना खातून कहती है : वे तो झालदा गये थे. वहां एक एनजीओ के द्वारा मेडिकल कैंप लगाया गया था, जिसमें उन्होंने मरीजों का इलाज किया था. कैंप खत्म होने के बाद वे घर लौट रहे थे.
सात दिन बाद पति से मिल पायी :
रेहाना खातून बताती हैं, 20 अगस्त (गुरुवार) को पुलिस ने उनके पति को पकड़ा. वह छह दिन तक पुलिस के पास जाकर गिरगिराती रही कि एक बार पति से मिलवा दें. आमने-सामने नहीं भी करवायें, दूर से ही दिखवा दें, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी. वह कभी हिंदपीढ़ी थाना, कभी जीआरपी थाना घूमती रही. पति से तब भेंट हुई, जब पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया. 28 अगस्त (शुक्रवार) को वह जेल में जाकर मिल सकी.
मुहल्ले से लेकर स्कूल तक बच्ची ने झेली शर्मिंदगी : इंतेजार अली की बहन शकीला खातून के मुताबिक मुहल्ले के लोगों ने घर की महिलाओं से तो कुछ नहीं कहा, लेकिन पुरुष सदस्य जब घर से बाहर निकलते थे, तब लोग तरह-तरह की बातें करते थे. इंतेजार की बेटी जब स्कूल गयी थी, तब उसने भी सहेलियों की बातें सुनीं.
करीब एक सप्ताह तक उनके परिवार के लिए बुरा दिन रहा. जब प्रभात खबर में इंतेजार के बेकसूर होने की बातें आयीं, तब उनके परिवार ने राहत महसूस की.
रिहाई की मांग
ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम ने इंतेजार की रिहाई की मांग की है. एआइपीएफ के अनिल अंशुमन और नदीम खान ने कहा है कि सरकार इंजेतार मामले में केवल बयानबाजी कर रही है. सरकार को चाहिए कि सीआइडी जांच के आधार पर तुरंत निर्दोष इंतेजार की रिहाई करे. उन्होंने कहा कि सरकार ने जबरन आरोप लगा कर उसे गिरफ्तार किया है.
मुखबिर को नहीं पकड़ रही है पुलिस
सीआइडी की जांच और रेल डीआइजी की रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि पुलिस के मुखबिर ने इंतेजार अली को फंसाया है. इंतेजार अली को फंसाने में पुलिस के ही मुखबिर ने पुलिस को अंधेरे में रख कर काम किया. बाद में कुछ पुलिस अफसरों ने भी प्राथमिकी में यह लिख दिया कि बैग को इंतेजार अली के कंधे से लटकता हुआ बरामद किया गया, जबकि सच यह है कि बैग को ट्रेन में सीट के नीचे से बरामद किया गया था और इंतेजार अली उस सीट पर बैठे हुए थे.
इसे लेकर स्पेशल ब्रांच ने भी एक रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को दी है. पुलिस के दो मुखबिर दीपू खान और जफरान खान का नाम सामने आ रहा है. एक अन्य रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले दिनों नामकुम में भी एक बस से पुलिस ने जो विस्फोटक बरामद किया था, उसे भी इन दोनों ने ही रखा था.
फिर पुलिस से पकड़वा कर ईनाम की राशि ले ली थी. इन तथ्यों के सामने आने के बाद भी पुलिस दोनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है. पुलिस के ही कुछ अफसर दोनों को बचाने में लगे हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक पुलिस के मुखबिर ने पहले राज्य पुलिस के कुछ अफसरों को विस्फोटक के बारे में सूचना दी. तब तक पुलिस को नामकुम में बस से विस्फोटक बरामद करवाने के बारे में पता चल गया था.
इस कारण कार्रवाई नहीं की. तब मुखबिर ने आर्मी इंटेलिजेंस को सूचना देकर इंतेजार अली को पकड़वा दिया. बाद में यह भी प्रचारित कराया गया कि बरामद विस्फोटक में आरडीएक्स भी है. ऐसा करने के पीछे यह प्रचारित करना था कि विस्फोटक का संबंध आतंकी संगठनों से है. ट्रेन से बरामद बैग में रखा विस्फोटक अखबार के पन्नों में लपेट कर रखा गया था. अखबार का पन्ना रांची से प्रकाशित अखबारों का था. इससे ही संदेह पैदा हुआ.
बेटी के रोने का भी नहीं हुआ असर
रेहाना खातून और उनकी 13 साल व पांच साल की दोनों बेटियां व आठ साल का बेटा 20 अगस्त की रात को कभी भूल नहीं पायेंगे. रात के करीब 7.45 बजे रेहाना खातून अपने बच्चों के साथ घर में अकेली थी, तभी कई पुलिसकर्मी उनके घर पहुंचे थे. दरवाजा खोलने पर जब रेहाना खातून ने पूछा कि क्या बात है, तब एक पुलिसकर्मी ने उनसे कहा था कि पीछे हटो, नहीं तो एक हाथ देंगे. इसके बाद पुलिस ने उनके घर के हर कोने की तालाशी ली.
अलमीरा, बेड सबकुछ छान मारे. कुछ नहीं मिला. मुहल्ले के लोग अपनी-अपनी छतों से सब देख रहे थे. क्या हुआ. तरह-तरह की चर्चा कर रहे थे. यह सब देख इंतेजार अली की बड़ी बेटी रोने लगी थी. इस पर एक पुलिस वाले ने कहा था अभी क्या रो रही है, रोओगी तो कल. जब मीडिया में इंतेजार अली के मामले आयेंगे. रेहाना खातून सवाल करती हैं, बच्ची का क्या कसूर था, जो उसे इस तरह डांटा गया.
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