रांची: राज्य के पूर्व डीजीपी नेयाज अहमद को राज्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में नियुक्त करने के लिए कार्मिक विभाग से सलाह मांगी गयी है. पंचायती राज विभाग ने कार्मिक से पूछा है कि डीजीपी का पद केंद्र सरकार के अपर सचिव या उससे उच्च कोटि का पद है या नहीं. कार्मिक की सलाह ही तय करेगी कि श्री अहमद झारखंड के राज्य निर्वाचन आयुक्त बनेंगे या नहीं.
मालूम हो कि राज्य निर्वाचन आयुक्त वही हो सकता है, जो अधिकारी सेवानिवृत्ति की तिथि को केंद्र सरकार के अपर सचिव अथवा उच्चतर कोटि के या फिर राज्य सरकार में उक्त पदों के समकक्ष पर पद काम कर चुका है. राज्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति एवं सेवाशर्त) नियमावली, 2011 में कहा गया है कि राज्य निर्वाचन आयुक्त बनाये जाने के लिए निर्वाचन कार्य का पूर्व अनुभव भी आवश्यक है. हालांकि इस विषय पर कार्मिक की सलाह नहीं मांगी गयी है.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अहमद को राज्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में नियुक्त करने के लिए पीत पत्र लिखा है. अब तक आइएएस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी को ही सरकार राज्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में नियुक्त करती आयी है. यह पहली बार है कि जब सरकार की ओर से किसी आइपीएस अधिकारी को राज्य निर्वाचन आयुक्त बनाने की पहल की जा रही है. मुख्यमंत्री के पत्र के आलोक में ही पंचायती राज विभाग ने कार्मिक की सलाह मांगी है.