रांची: आजसू अध्यक्ष व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि क्रांति कलम से ही आती है़ समाज के अंदर वैचारिक परिवर्तन लाना है, तो पत्रकारिता को अपनी भूमिका निभानी होगी़ उर्दू पत्रकारिता भारतीय समाज और राजनीति को गढ़ने का काम कर सकती है़ उर्दू पत्रकारिता को जन सरोकार से जुड़ना होगा़ श्री महतो रविवार को आजसू बुद्धिजीवी मंच और शीन अख्तर की पत्रिका हमलोग कहां के द्वारा उर्दू पत्रकारिता दशा और दिशा विषय पर आयोजित गोष्ठी में बोल रहे थे़.
श्री महतो ने कहा कि उर्दू पत्रकारिता को अपनी प्रसार शक्ति बढ़ाने की जरूरत है़ समाज के आर्थिक और शक्षैणिक पहलुओं पर पत्रकारिता के माध्यम से बेहतर काम करने की जरूरत है़ समाज को पत्रकारिता के माध्यम से दशा-दिशा प्रदान करे़ं आजसू नेता ने कहा कि अलग-अलग भाषाओं के लिए शोध संस्था होनी चाहिए़ उनकी कोशिश थी कि रांची में उर्दू के लिए शोध संस्स्थान बने़
गोष्ठी में रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश पांडेय ने उर्दू पत्रकारिता के इतिहास की जानकारी दी़ उर्दू पत्रकारिता के विकास के बारे में बताया़ भाषायी संकट पर गौर करने को कहा़ उन्होंने कहा कि उर्दू पत्रकारिता समाज को जोड़ने का काम कर सकती है़ गोष्ठी में कई शिक्षाविदों ने अपने विचार रखे़ पूर्व कुलपति सलील रॉय, ए खान, डॉ अफरोज, डॉ शीन अख्तर, बीके चांद सहित कई लोगों ने विचार रखे़ वक्ताओं का कहना था कि उर्दू पत्रकारिता की दशा-दिशा बदलने के लिए सबको मिल कर प्रयास करना होगा़ इसके प्रसार बढ़ाने के लिए शासन स्तर पर भी हस्तक्षेप की जरूरत है़ सरकार का सहयोग भी जरूरी है़ उर्दू की सेवा करने वालों को सरकार सम्मान दे़